
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत 70 करोड़ रुपये की कीमत वाली 101 बीघा जमीन को अटैच कर लिया है। यह कार्रवाई संबंधित पूर्व मंत्री की ओर से कथित तौर पर किए गए वित्तीय अपराधों की जांच के सिलसिले में की गई है। जानकारी के अनुसार, यह जमीन हरिद्वार जिले में स्थित है और इसके स्वामित्व को लेकर कई सवाल खड़े हो गए थे।
ईडी का कहना है कि यह भूमि अवैध तरीके से संपत्ति में तब्दील की गई थी और इसके पीछे मनी लॉन्ड्रिंग का खेल था। सूत्रों के मुताबिक, यह जमीन सरकारी भूमि के दुरुपयोग से संबंधित मामलों में भी शामिल हो सकती है, जिससे भ्रष्टाचार और अनियमितताएं जुड़ी हुई थीं। इस मामले में अधिकारियों ने पहले ही कई दस्तावेज़ों की जांच की है और इन संपत्तियों से जुड़े फंड के स्रोत का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की जा रही है।
पूर्व मंत्री के खिलाफ यह कदम राज्य सरकार और अन्य एजेंसियों के द्वारा की जा रही जांच के आधार पर उठाया गया है। ईडी ने आरोप लगाया कि इस संपत्ति के लेन-देन में नियमों का उल्लंघन किया गया और इन जमीनों का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के उद्देश्य से किया गया। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने पूर्व मंत्री और उनके सहयोगियों से भी पूछताछ की है और संबंधित वित्तीय लेन-देन की पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है।
यह कार्रवाई उत्तराखंड में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ की जा रही सरकार की व्यापक योजना का हिस्सा है। राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए इस तरह के कड़े कदम उठाए जा रहे हैं और ईडी की इस कार्रवाई को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।