
बांग्लादेश की राजनीति में इन दिनों एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है, जहां प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी ही सरकार और विपक्ष से घिरी हुई नजर आ रही हैं। हाल ही में, बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना और उनके करीबी सहयोगी मोहम्मद यूनुस के बीच बढ़ते विवाद ने राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है। खबरें आ रही हैं कि मोहम्मद यूनुस, जो बांग्लादेश के एक प्रमुख उद्योगपति और शेख हसीना के समर्थक रहे हैं, इस्तीफा देने की सोच रहे हैं, जिससे बांग्लादेश की सरकार की स्थिति और भी कमजोर हो सकती है। यह स्थिति तब और जटिल हो गई जब बांग्लादेश के पीएम शेख हसीना ने भारत के साथ रिश्तों में टकराव की दिशा में कई विवादित बयान दिए, जिससे बांग्लादेश और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है। बांग्लादेशी पीएम के इन बयानों ने न केवल विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं, बल्कि घरेलू राजनीति में भी उथल-पुथल मचा दी है। विपक्षी दलों ने शेख हसीना के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए उनकी नीतियों की आलोचना की है, और उन्हें अपने फैसलों पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है। बांग्लादेश के अंदर भी हसीना सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, जिससे उनका शासन संकट में दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर, मोहम्मद यूनुस का इस्तीफा यदि होता है, तो यह शेख हसीना की सरकार के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि यूनुस का नाम बांग्लादेश के अर्थव्यवस्था और राजनीति में एक अहम भूमिका निभाता रहा है। भारत से बढ़ते तनाव और घरेलू राजनीतिक संकट ने बांग्लादेश की स्थिति को और जटिल बना दिया है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि आने वाले समय में शेख हसीना और उनकी सरकार के लिए कई चुनौतीपूर्ण फैसले लेने होंगे।