
महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में एक नया मोड़ आया है, जब यह घोषणा की गई कि राज्य को जल्द ही तीसरा उपमुख्यमंत्री मिलेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने इस फैसले के पीछे अपनी रणनीति और राज्य की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की बात कही है। शिंदे गुट के इस कदम के बाद, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत पर भी तगड़ा हमला किया गया है। शिंदे गुट ने राउत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और उन्हें राज्य की राजनीति में हस्तक्षेप करने का दोषी ठहराया। शिंदे गुट का कहना है कि राउत अपने बयानबाजी के जरिए माहौल को उत्तेजित करने की कोशिश कर रहे हैं, जो महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता के लिए खतरे की बात हो सकती है।
इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से गर्मा-गर्मी देखी जा रही है। शिंदे गुट का दावा है कि उपमुख्यमंत्री के पद का यह निर्णय महाराष्ट्र की जनता की भलाई और विकास के लिए लिया गया है, जबकि राउत और उनकी पार्टी इसे एक राजनीतिक खेल मानते हुए आलोचना कर रहे हैं। राउत ने भी शिंदे गुट के इस कदम को लेकर कड़ा विरोध जताया है, और यह स्पष्ट किया है कि यह निर्णय केवल सत्ता की भूख को शांत करने के लिए लिया गया है। दोनों गुटों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति ने राज्य में एक बार फिर से सियासी घमासान को जन्म दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस उठते विवाद के बीच, मुख्यमंत्री शिंदे और उनके गुट किस तरह से स्थिति को शांत करते हैं और तीसरे उपमुख्यमंत्री के चयन को लेकर आगे किस दिशा में बढ़ते हैं।