
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के नाम एक प्रेरणादायक संदेश दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय समाज में बालिकाओं की स्थिति, उनके अधिकारों और सशक्तिकरण पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में बालिका शिक्षा और उनके सशक्तिकरण को एक अहम प्राथमिकता के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने बालिकाओं को समाज के हर क्षेत्र में समान अवसर देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह समाज की जिम्मेदारी है कि वे अपनी बेटियों को सम्मान और अवसर दें, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत में बालिकाओं ने हमेशा ही शिक्षा, खेल, राजनीति और सामाजिक कार्यों में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है और इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन्हें प्रेरित करना है ताकि वे समाज की मुख्यधारा में मजबूत भूमिका निभा सकें। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बालिका शिक्षा और उनके अधिकारों को सुरक्षित करना, पूरे समाज की जिम्मेदारी है, और जब एक बालिका सशक्त होती है, तो समाज और राष्ट्र दोनों को ही लाभ मिलता है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि बालिका दिवस का महत्व सिर्फ एक दिन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर दिन के संघर्ष का प्रतीक है, जो भारतीय समाज को बालिकाओं के लिए एक सुरक्षित और समान वातावरण बनाने के लिए प्रेरित करता है। इसके बाद, एक और बड़ी घोषणा हुई जब भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी फिल्मकार को ग्लोबल एडवाइजरी काउंसिल ऑफ सिनेमेटिक क्रिएटिविटी (जीएसीसी) में नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति भारतीय सिनेमा और भारतीय कला के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है। इस फिल्मकार ने दक्षिण अफ्रीकी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी महत्वपूर्ण पहचान बनाई है और अब उनकी यह नियुक्ति भारतीय कला और सिनेमा को वैश्विक स्तर पर और मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस फिल्मकार ने दक्षिण अफ्रीकी सिनेमा में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है और अब उनकी इस नियुक्ति से उम्मीद जताई जा रही है कि वे वैश्विक सिनेमा में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की स्थिति को और मजबूत करेंगे। यह नियुक्ति भारतीय फिल्म और कला के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि यह दर्शाता है कि भारतीय कलाकार और फिल्म निर्माता अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहे हैं, बल्कि उन्होंने वैश्विक मंच पर अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा से अपनी पहचान बनाई है। इस नियुक्ति से भारतीय सिनेमा के योगदान को भी वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलने की संभावना है, जो एक नई दिशा में सिनेमा की दुनिया को ले जा सकता है।