रेलवे के खिलाफ एक अनोखा मामला सामने आया है, जब एक यात्री ने दावा किया कि उसकी ट्रेन छूटने के कारण उसे मानसिक और आर्थिक नुकसान हुआ है। उसने रेलवे को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए एक नोटिस भेजा है और इसके लिए 15 दिन का समय भी निर्धारित किया है।
यात्री ने अपनी शिकायत में कहा कि रेलवे की लापरवाही के कारण उसकी ट्रेन समय पर नहीं पहुंची, जिसके कारण उसे न केवल यात्रा में कठिनाई का सामना करना पड़ा, बल्कि उसकी महत्वपूर्ण नियुक्ति भी चूक गई। यात्री का आरोप है कि रेलवे ने उचित सूचना या सहायता प्रदान नहीं की, जिससे उसे अत्यधिक मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इस घटना के बाद यात्री ने रेलवे को कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें उसने 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की। उसने कहा कि यह राशि उसे ट्रेन छूटने के कारण हुई असुविधा और नुकसान की भरपाई के तौर पर दी जाए। इसके अलावा, नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर रेलवे इस अवधि के भीतर मुआवजे का भुगतान नहीं करता है, तो वह अदालत का रुख करने पर विचार करेगा।
यह मामला रेलवे की सेवा और यात्री सुरक्षा की जिम्मेदारी पर सवाल उठा रहा है। रेलवे के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि इस तरह के मामलों में जांच की जाएगी और अगर यात्री का आरोप सही पाया गया तो रेलवे को जवाबदेह ठहराया जा सकता है।