देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड पुलिस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए तीन पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जो 20 हजार डॉलर और पांच लाख रुपये की डकैती में शामिल थे। यह डकैती एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई थी, जिसमें स्थानीय पुलिसकर्मियों ने भी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया। यह घटना राज्य पुलिस के लिए एक गंभीर धक्का साबित हुई है, क्योंकि पुलिसकर्मियों की संलिप्तता ने इस मामले को और अधिक संवेदनशील बना दिया है।
पुलिस के अनुसार, डकैती का शिकार एक व्यापारी था, जो अपने विदेशी मुद्रा (डॉलर) और भारतीय पैसे को लेकर घर लौट रहा था। आरोपियों ने व्यापारी की पहचान पहले से ही कर ली थी और उसके बाद यह योजना बनाई थी। तीन पुलिसकर्मी, जो आरोपी थे, उन्होंने अपनी ताकत का दुरुपयोग करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर व्यापारी के घर पर धावा बोला और रुपये और डॉलर की भारी रकम लूट ली।
डकैती को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने पूरी साजिश को छिपाने के लिए कई कदम उठाए थे, लेकिन पुलिस की तत्परता ने उन्हें पकड़ने में मदद की। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर डकैतों की पहचान की। इसके बाद, स्थानीय पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम बनाई, जिसने छापेमारी कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मियों में एक वरिष्ठ अधिकारी और दो सिपाही शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य आरोपियों में स्थानीय गुंडे और अपराधी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों से लूटी गई राशि भी बरामद कर ली है, जिसमें 20 हजार डॉलर और पांच लाख रुपये शामिल हैं। इसके साथ ही, पुलिस ने आरोपियों से कुछ हथियार भी बरामद किए हैं, जिनका उपयोग डकैती के दौरान किया गया था।
उत्तराखंड के डीजीपी ने इस मामले को लेकर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि इस प्रकार के अपराधों में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना के बाद पुलिस विभाग के भीतर अनुशासन को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
राज्य के मुख्यमंत्री ने भी इस मामले पर चिंता जताई है और कहा है कि ऐसी घटनाओं से पुलिस प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण और निगरानी की प्रक्रिया को और मजबूत किया जाएगा।
यह घटना राज्यभर में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि इसमें पुलिसकर्मियों की संलिप्तता ने विश्वास और सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और व्यापारी इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन के लिए यह घटना एक चुनौती साबित हो सकती है, और अब उन्हें अपनी छवि को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
गिरफ्तारी के बाद, आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है। पुलिस ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही बाकी बचे अपराधियों और इस साजिश में शामिल अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।