चमोली (उत्तराखंड): उत्तराखंड के प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि अब तय हो गई है। श्रद्धालुओं के लिए यह शुभ अवसर 4 मई, 2025 को सुबह 6 बजे होगा, जब भगवान बद्रीविशाल के मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस दिन से शुरू होगा चारधाम यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा, जिसमें लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए बद्रीनाथ धाम पहुंचेंगे।
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि हर साल पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है, और यह तिथि धर्म और परंपरा के हिसाब से बेहद महत्व रखती है। बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने के लिए हर साल बर्फबारी के बाद मौसम को ध्यान में रखते हुए तिथि तय की जाती है, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा में कोई कठिनाई न हो।
इस अवसर पर तेलकलश यात्रा की शुरुआत 22 अप्रैल, 2025 को होगी, जो इस साल बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने के लिए पहला कदम होगा। तेलकलश यात्रा में श्रद्धालु बद्रीनाथ के मंदिर के लिए तेल लेकर जाते हैं, जिसे मंदिर में भगवान के शाही स्नान के लिए उपयोग किया जाता है। तेलकलश यात्रा एक प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान है, जो बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले हर साल आयोजित होती है।
तेलकलश यात्रा की शुरुआत से पहले, क्षेत्रीय और प्रशासनिक अधिकारी यह सुनिश्चित करते हैं कि यात्रा मार्ग सुरक्षित हो और श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था की जाए। प्रशासन की ओर से सुरक्षा, यातायात और स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी तैयारी की जाती है, ताकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
बद्रीनाथ धाम की यात्रा हर साल लाखों भक्तों के लिए एक पवित्र अनुभव होती है। भगवान बद्रीविशाल के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह होता है। खासकर गर्मी के महीनों में जब चारधाम यात्रा अपने चरम पर होती है, तब बद्रीनाथ धाम में लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।
उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन ने इस बार की यात्रा के लिए व्यापक तैयारियों की घोषणा की है। सभी पक्के रास्तों, सड़कों, पार्किंग और सुरक्षा उपायों को देखते हुए अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि इस साल यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित और आरामदायक हो। इसके साथ ही, कोविड-19 के प्रभाव से बचने के लिए स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन भी किया जाएगा।
इस बार बद्रीनाथ धाम में कपाट खुलने के साथ ही पूरे क्षेत्र में धार्मिक अनुष्ठान और उत्सवों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए कई भव्य आयोजन और पूजा अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। इन सभी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए दूर-दूर से भक्त अपने परिवार और दोस्तों के साथ आते हैं।
बद्रीनाथ धाम की यात्रा धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह स्थल हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है और यहां आने वाले भक्तों का विश्वास है कि यहां दर्शन करने से उनके पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
अब जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो गई है, श्रद्धालु इस पवित्र अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 4 मई को जैसे ही भगवान के कपाट खुलेंगे, पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो जाएगा और हर कोई इस अवसर को एक खास अनुभव के रूप में महसूस करेगा।