प्रयागराज (उत्तर प्रदेश): देशभर के श्रद्धालुओं का महासंयोग महाकुंभ मेला इस समय प्रयागराज में जारी है, जहां वसंत पंचमी के दिन अखाड़ों के संतों और लाखों श्रद्धालुओं ने संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई। वसंत पंचमी का दिन महाकुंभ में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसे ‘अमृत स्नान’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संगम में स्नान करने से श्रद्धालुओं को पुण्य की प्राप्ति और मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास है।
अब तक महाकुंभ में 81.24 लाख श्रद्धालु संगम के त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं, और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। वसंत पंचमी के मौके पर विशेष रूप से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली, जो अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने के लिए दूर-दूर से प्रयागराज पहुंची। इस मौके पर अखाड़ों के साधु संतों ने भी विशेष स्नान किया और पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाई।
कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक, इस साल सुरक्षा और सफाई की व्यवस्थाओं को और मजबूत किया गया है। विशेष रूप से वसंत पंचमी जैसे विशेष स्नान पर्व के दौरान भारी भीड़ को संभालने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र, ड्रोन कैमरों से निगरानी और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
महाकुंभ के दौरान भक्तों को श्रद्धा और आस्था की प्रबल लहर में शामिल होने का एक और अद्भुत अवसर मिलता है। संगम में स्नान करने के बाद श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं और मानते हैं कि इस अवसर पर की गई पूजा और स्नान से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति मिलती है।
वसंत पंचमी पर विशेष स्नान के साथ ही यह दिन विद्वानों और साधुओं के बीच धार्मिक वार्ता, कीर्तन और भजन-संगीत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन विशेष रूप से भारतीय संस्कृति, वेद, पुराण और शास्त्रों पर चर्चा होती है। वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा भी होती है, जो ज्ञान और कला की देवी मानी जाती हैं।
इस महाकुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालु विभिन्न राज्यों से पैदल यात्रा करते हुए प्रयागराज पहुंचे हैं, और हर कोई संगम के जल में डुबकी लगाने के लिए बहुत उत्साहित है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने महाकुंभ की सफलता के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई हैं, जिनमें स्वास्थ्य, परिवहन, यात्री सुविधाएं, जल आपूर्ति और तीर्थयात्रियों के लिए अस्थाई आवास की व्यवस्था शामिल है।
प्रशासन का कहना है कि इस साल महाकुंभ में 12 साल में एक बार होने वाली इस धार्मिक घटना में श्रद्धालुओं की संख्या ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने की संभावना है। यह मेला न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के हिंदू धर्मावलंबियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जहां लाखों श्रद्धालु हर साल पवित्र स्नान के लिए आते हैं।
महाकुंभ के आयोजन ने एक बार फिर से भारतीय संस्कृति और परंपराओं की महत्ता को दुनिया के सामने उजागर किया है। यहाँ पर जो दृश्य और आस्था का संगम देखने को मिलता है, वह अद्वितीय है। इस तरह के आयोजनों से धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है।