
आज Maha Kumbh का अंतिम स्नान आयोजित किया गया, जो हर 12 वर्षों में होने वाले इस महापर्व का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। हरिद्वार में आयोजित इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं ने तीर्थराज संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। इस दिन को लेकर श्रद्धालुओं में अपार श्रद्धा और आस्था देखने को मिली। कुम्भ मेला हमेशा से ही धर्म, संस्कृति और आस्था का एक प्रतीक रहा है, और आज का दिन विशेष रूप से शिवमय बना हुआ था।
अंतिम स्नान के अवसर पर श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए संगम में स्नान करने पहुंचे। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। भारी पुलिस बल और सुरक्षा व्यवस्था के बीच लोग पवित्र नदी में स्नान करने पहुंचे। सर्दी और ठंड के बावजूद लोग हजारों की संख्या में इस पवित्र अवसर का हिस्सा बने और सभी ने एकजुट होकर महाकुंभ के इस अंतिम स्नान का महत्व महसूस किया।
इस दौरान कई जगहों पर भक्तों द्वारा ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारे सुनाई दिए, जो वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे। विशेष पूजा और आरती का आयोजन भी किया गया, जिससे शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु अपनी आस्था व्यक्त कर रहे थे। इस साल के महाकुंभ में अधिकतर श्रद्धालु धर्मपत्नी और परिवार के साथ पहुंचे थे, और उन्होंने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया।
महा कुम्भ के इस अंतिम स्नान में हर किसी ने अपनी श्रद्धा और आस्था के साथ हिस्सा लिया। स्नान के बाद, श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के बाद वापस लौटे। इस दिन की सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण ने इसे और भी खास बना दिया।
अंतिम स्नान के बाद, महाकुंभ मेला का समापन हो गया, लेकिन इसके जरिए करोड़ों श्रद्धालुओं ने धर्म, आस्था और परंपरा की एक नई मिसाल कायम की। यह धार्मिक आयोजन दुनिया भर से लोगों को एकजुट करने का एक आदर्श उदाहरण है।