“दिल्ली विधानसभा में AAP विधायकों की एंट्री पर रोक, धरने पर बैठीं आतिशी; बीजेपी पर साधा निशाना”

दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। इस मुद्दे को लेकर AAP की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने दिल्ली विधानसभा परिसर में धरने पर बैठने का निर्णय लिया। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने सत्ता के दुरुपयोग के जरिए विधानसभा की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश की है और लोकतंत्र की नींव को हिला दिया है। आतिशी का कहना था कि भाजपा सरकार ने अपनी राजनीतिक चालों के जरिए विधानसभा में AAP विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिश की है।

आतिशी ने अपने बयान में कहा, “बीजेपी ने सत्ता के बल पर सारी हदें पार कर दी हैं। हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं, लेकिन बीजेपी ने जो कदम उठाए हैं, वह न केवल हमारे अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि यह पूरी विधानसभा की गरिमा को भी नुकसान पहुंचाते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का उद्देश्य केवल सत्ता की राजनीति करना और विपक्षी विधायकों को दबाना है, ताकि उनके सवालों और आलोचनाओं को नजरअंदाज किया जा सके।

AAP विधायकों की एंट्री पर रोक लगाने के बाद आतिशी ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “यह भाजपा की तानाशाही मानसिकता का उदाहरण है। अगर हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, तो हमें अपनी आवाज उठाने का पूरा अधिकार है। विधानसभा के सदस्य के रूप में हम उन मुद्दों को उठाने के लिए चुनकर आए हैं, जो आम जनता के लिए महत्वपूर्ण हैं, और भाजपा इन मुद्दों पर चर्चा करने से डर रही है।”

वहीं, इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष ने कहा कि सुरक्षा कारणों और विधानसभा की कार्यवाही को बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया था। हालांकि, विपक्षी पार्टी AAP इसे एकतरफा और तानाशाही कदम मान रही है। उनके अनुसार, यह कार्रवाई विधानसभा के लोकतांत्रिक कामकाज को प्रभावित करती है और विधायकों को अपनी बात रखने से रोकती है।

इस बीच, AAP नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर इस कदम का विरोध किया और कहा कि वे बीजेपी की राजनीतिक साजिश को उजागर करेंगे। केजरीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “हमारे विधायकों को विधानसभा में बोलने और जनता के मुद्दों को उठाने का पूरा अधिकार है। बीजेपी ने हम पर आरोप लगाया कि हम अव्यवस्थित हैं, लेकिन असल में यह खुद बीजेपी ही है जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट करने पर तुली हुई है।”

दिल्ली विधानसभा के इस विवाद ने राज्य के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, और अब यह देखना होगा कि क्या यह मुद्दा आगे चलकर विधानसभा के कार्यवाही में कोई बदलाव लाता है या नहीं। विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी इस तरह की कार्रवाइयों के माध्यम से विपक्षी नेताओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जबकि सत्ताधारी पार्टी AAP ने इसे अपनी राजनीतिक लड़ाई के रूप में देखा है।

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