
उत्तराखंड के भाजपा नेता और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ उठे विवाद का मामला अब दिल्ली तक पहुंच गया है। इस मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अपनाया है और कहा है कि राज्य की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने यह बयान दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान दिया। यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया, जब प्रेमचंद अग्रवाल पर आरोप लगे कि उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति और अस्मिता से जुड़ी कुछ संवेदनशील बातें कही हैं, जिन्हें राज्य के लोगों ने अपमानजनक माना। इन आरोपों के बाद विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और मुख्यमंत्री से इस पर ठोस कार्रवाई की मांग की।मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “उत्तराखंड की पहचान और संस्कृति हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी व्यक्ति या नेता को राज्य की अस्मिता से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ” इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तराखंड के विकास के लिए जो प्रयास हो रहे हैं, उनका उद्देश्य हमेशा राज्य की प्रगति और लोगों की भलाई होना चाहिए, और इस तरह के विवादों से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य की गरिमा को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को सख्त सजा दी जाएगी।वहीं, प्रेमचंद अग्रवाल ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनकी बातों का गलत अर्थ निकाला गया है। उन्होंने कहा कि उनकी intention कभी भी उत्तराखंड की संस्कृति या अस्मिता का अपमान करने की नहीं थी। उनका कहना था कि उन्होंने सिर्फ राज्य के विकास से जुड़ी कुछ बातें उठाई थीं।राज्य की सियासत में इस विवाद के बाद से राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। विपक्ष ने इसे राज्य सरकार की विफलता करार दिया है और मांग की है कि अग्रवाल पर कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं, भाजपा ने भी इस मामले में अपनी सफाई पेश की और कहा कि यह सब विपक्ष का एक बड़ा राजनीतिक खेल है।अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और मुख्यमंत्री धामी के बयान का क्या असर होता है। उत्तराखंड के लोग इस मुद्दे पर सरकार और नेताओं की कार्रवाई पर गहरी नजर रखे हुए हैं।