
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित गोविंदघाट में एक बड़ी प्राकृतिक आपदा घटित हुई, जब अचानक पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर गिर गया। इस हादसे के कारण हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाला प्रमुख पुल क्षतिग्रस्त हो गया। यह पुल लाखों श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था, जो हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाते हैं।गोविंदघाट हेमकुंड साहिब यात्रा का प्रमुख पड़ाव है, जहां से श्रद्धालु पैदल यात्रा शुरू करते हैं। पहाड़ी से मलबा गिरने के बाद पुल के टूटने से श्रद्धालुओं की यात्रा प्रभावित हो सकती है। इस पुल का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह हेमकुंड साहिब तक पहुंचने का एक मुख्य रास्ता था। घटना के बाद, प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और इस क्षेत्र में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किए। साथ ही, पुल की मरम्मत और निर्माण कार्य के लिए योजना बनाई जा रही है ताकि यातायात फिर से सामान्य हो सके। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, लेकिन पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण यात्रा के मार्ग में बाधाएं आ सकती हैं। वह इस समय स्थिति का अध्ययन कर रहे हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को जल्द ही राहत मिल सके। चमोली जिले में पहाड़ी रास्तों और भूस्खलनों का खतरा हमेशा बना रहता है, और इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और स्थिरता के लिए और भी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाएं सामान्य हैं, लेकिन इस तरह के संकटों से निपटने के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए। अब प्रशासन और संबंधित विभाग इस घटना की जांच कर रहे हैं और भविष्य में इस तरह के हादसों से बचने के लिए उपायों पर विचार कर रहे हैं।