
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक बयान देकर राजनीतिक हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री योगी ने महाराष्ट्र के विधायक अबू आजमी का नाम लिए बिना उन पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि “जो लोग औरंगजेब को अपना आदर्श मानते हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश भेजिए, हम उनका इलाज कर देंगे।” इस बयान से उन्होंने सीधे तौर पर उस विधायक पर हमला बोला, जिन्होंने औरंगजेब को अपने आदर्श के रूप में स्वीकार किया था।हाल ही में महाराष्ट्र में अबू आजमी ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने औरंगजेब को महान नेता और आदर्श बताया था। उनका यह बयान विवादों में घिर गया था और कई राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की थी। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने अपना बयान देते हुए कहा कि ऐसे लोग जो देश की संस्कृति और इतिहास से अनजान हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश भेजकर उनका इलाज किया जाएगा।योगी का यह बयान न केवल अबू आजमी बल्कि ऐसे सभी नेताओं और व्यक्तित्वों के लिए था, जो औरंगजेब जैसे विवादित शासकों को आदर्श मानते हैं। योगी आदित्यनाथ का कहना था कि औरंगजेब ने भारत में धार्मिक असहिष्णुता, विभाजन और अत्याचार फैलाए थे, और ऐसे शासकों को आदर्श मानना भारत की सभ्यता और संस्कृति का अपमान करना है।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में हर किसी को धार्मिक सहिष्णुता, एकता और सांप्रदायिक सद्भावना की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। उनका यह बयान राजनीति और समाज में सांप्रदायिक असहमति और तनाव को बढ़ावा देने वाले नेताओं के खिलाफ था।वहीं, इस बयान पर विपक्ष ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। कुछ विपक्षी नेताओं ने योगी के बयान को बेहद विवादास्पद और भड़काऊ बताया, जबकि कुछ ने इसे राजनीति का एक हिस्सा माना, जो समाज में घृणा फैलाने के लिए किया जा रहा है।योगी आदित्यनाथ का यह बयान न केवल महाराष्ट्र के संदर्भ में था, बल्कि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है जो समाज में विभाजन और नफरत फैलाने का काम करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर प्रदेश एकता और समरसता का प्रतीक है, और यहां पर हर किसी को सम्मान, शांति और भाईचारे के साथ रहना चाहिए।यह विवादित बयान अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और आने वाले समय में इस पर और प्रतिक्रियाएँ सामने आ सकती हैं।