
उत्तराखंड में इस बार गर्मी ने अपने चरम पर पहुंचकर सबको हैरान कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के विभिन्न हिस्सों में तापमान ने पिछले सात वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे गर्मी की स्थिति और भी ज्यादा परेशान करने वाली हो गई है। खासकर, मैदानी क्षेत्रों में तेज धूप और उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है। इस समय राज्य के प्रमुख शहरों जैसे देहरादून, हल्द्वानी, रुड़की, और हरिद्वार में पारा लगातार चढ़ता जा रहा है, जो इस समय के सामान्य तापमान से काफी अधिक है।गर्मी की वजह से राज्य में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लोग दिनभर गर्मी और उमस से राहत पाने के लिए शीतल पेयों और एयर कंडीशनर का सहारा ले रहे हैं। दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच चुका है, जो कि सामान्य से करीब 5 से 7 डिग्री अधिक है। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर यह तापमान 42 डिग्री तक भी पहुंच चुका है।विशेषज्ञों का कहना है कि इस अप्रत्याशित गर्मी का कारण ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन हो सकता है, जो समय-समय पर मौसम में उतार-चढ़ाव का कारण बनता है। इसके अलावा, गर्मी की बढ़ती तीव्रता से जल संकट भी गहरा सकता है, क्योंकि कई क्षेत्रों में पानी की कमी महसूस की जा रही है।उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भी इस बार गर्मी ने कहर बरपाया है। हिल स्टेशनों का ठंडा मौसम अब उतना ठंडा नहीं रहा, और पर्यटकों को भी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। पर्यटकों ने इस बार गर्मी के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में ठंडी हवा की तलाश में यात्रा की, लेकिन यहां भी पारा बढ़ा हुआ था।मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और अधिक गर्मी का अनुमान जताया है और लोगों को अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसके साथ ही, विभाग ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चेतावनी दी है कि यदि इस तरह का मौसम बना रहा तो भविष्य में तापमान और भी ज्यादा बढ़ सकता है।राज्य सरकार ने इस गर्मी से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात की है, जिसमें जल आपूर्ति की सुरक्षा और नागरिकों को ठंडी जगहों पर रहने की सलाह देना शामिल है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे ज्यादा देर तक बाहर न निकलें और जब भी बाहर जाएं तो पर्याप्त पानी और सनस्क्रीन का उपयोग करें।