Kedarnath: धाम में तीन फीट से ज्यादा बर्फबारी, मंदिर परिसर और कैंपों को हुआ नुकसान

उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल केदारनाथ धाम में इस बार सर्दी ने अपना भीषण रूप दिखाया है। हाल ही में भारी बर्फबारी के कारण धाम में तीन फीट से भी अधिक बर्फ जम चुकी है। इस भारी बर्फबारी से न केवल केदारनाथ मंदिर परिसर, बल्कि आसपास के कई कैंपों को भी काफी नुकसान हुआ है। बर्फ के कारण यात्रा मार्ग बाधित हो गए हैं और तीर्थयात्रियों के लिए स्थितियां मुश्किल हो गई हैं।प्रशासन ने बताया कि इस समय केदारनाथ धाम और आसपास के क्षेत्र में भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे मंदिर परिसर पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है। मंदिर का शिखर और आसपास का क्षेत्र बर्फ की मोटी परत से ढक चुका है, जिससे मंदिर के दर्शन में कठिनाई हो रही है। हालांकि, मंदिर प्रशासन ने बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है ताकि श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द दर्शन की सुविधा मिल सके।साथ ही, भारी बर्फबारी के कारण कई राहत कैंपों को भी नुकसान हुआ है। कुछ कैंपों के टेंट उखड़ गए हैं और संरचनाएं टूट गई हैं। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इन कैंपों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और कुछ अन्य स्थानों पर उन्हें शरण देने का प्रयास किया जा रहा है।वहीं, स्थानीय प्रशासन और उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि यात्री जो केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने का विचार कर रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा की योजना बनाएं। सर्दी और बर्फबारी के कारण यात्री मार्गों पर चलना मुश्किल हो सकता है, और प्रशासन ने पैदल यात्री मार्गों पर अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं। केदारनाथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर सेवा को भी प्रभावित मौसम के बावजूद बनाए रखा है, ताकि लोग जल्दी से यात्रा स्थल तक पहुंच सकें। इसके अलावा, खराब मौसम को देखते हुए हेलीकॉप्टर सेवा की त्वरित पुनः बहाली के लिए भी तैयारियां की जा रही हैं। यह बर्फबारी केदारनाथ धाम के लिए सामान्य मौसम नहीं है, और स्थानीय प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही मौसम में सुधार होगा, ताकि यात्रा सुचारू रूप से जारी रखी जा सके। तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम में यात्रा करने के लिए सुरक्षित मार्गों का पालन करने की सख्त सलाह दी गई है।

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