एक्सक्लूसिव देहरादून:-उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं की गिरफ्तारी से बवाल, व्यापारिक संगठनों में आक्रोश

उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं की गिरफ्तारी से बवाल, व्यापारिक संगठनों में आक्रोश
उत्तराखंड में एक बार फिर पहाड़ और मैदान के विवाद को लेकर माहौल गर्म हो गया है। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने नाराजगी जताई है, वहीं व्यापारिक संगठनों में भी रोष देखने को मिल रहा है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या उत्तराखंड में सिर्फ पहाड़ी लोगों को ही रहने का अधिकार है, या यह राज्य सभी नागरिकों के लिए समान रूप से है?

क्या बाहरी लोगों को उत्तराखंड में रहने का अधिकार नहीं?
हाल के दिनों में कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा बयान दिया गया कि उत्तराखंड में केवल पहाड़ के लोगों को ही रहने का अधिकार होना चाहिए। हालांकि, संविधान के अनुसार, भारत का हर नागरिक किसी भी राज्य में बस सकता है और रोजगार कर सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” के दृष्टिकोण के तहत उत्तराखंड को आगे बढ़ाने का जो सपना देखा गया है, क्या वह कुछ लोगों की संकीर्ण सोच की भेंट चढ़ जाएगा?

क्या है पूरा मामला?
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के दो प्रमुख नेता—आशुतोष नेगी और आशीष नेगी—को पुलिस ने गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में जबरदस्ती घुसकर नारेबाजी की, स्टाफ के साथ बदसलूकी की और जबरन 1,07,000 रुपये वसूले।

घटना का विवरण:
20 मार्च 2025 को करीब 40-50 लोग, जो खुद को यूकेडी का कार्यकर्ता बता रहे थे, पिरामिड कैफे लॉज, राजपुर रोड, देहरादून पहुंचे।

उन्होंने रेस्टोरेंट के भीतर नारेबाजी की, स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया और दबाव बनाकर 1,07,000 रुपये वसूले।

प्रतिष्ठान की छवि खराब करने की धमकी देते हुए अतिरिक्त पैसों की मांग भी की गई।

आरोप है कि इन लोगों ने रेस्टोरेंट पर ताला लगाने और आदेश न मानने पर जान से मारने की धमकी दी।

25 मार्च को दोबारा फोन कर शिकायतकर्ता को धमकाने और पैसे मांगने का भी आरोप है।

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज व अन्य सबूतों के आधार पर 25 मार्च को दोनों नेताओं को कृष्णा विहार, किद्दूवाला, देहरादून से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार नेता कौन हैं?
आशीष नेगी उर्फ उक्रांत

निवासी: ग्राम एवं पोस्ट कनोट, तहसील व ब्लॉक कर्णप्रयाग, जिला चमोली

उम्र: 30 वर्ष

हाल पता: कृष्णा विहार, किद्दूवाला, देहरादून

आशुतोष नेगी (जनपद पौड़ी से हिस्ट्रीशीटर)

निवासी: विद्या सदन, निकट सर्किट हाउस, पौड़ी

उम्र: 51 वर्ष

हाल पता: कृष्णा विहार, किद्दूवाला, देहरादून

आशुतोष नेगी का आपराधिक इतिहास (INTERNET SOURCE)
गिरफ्तार नेता आशुतोष नेगी पहले से ही कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। उनके खिलाफ विभिन्न थानों में कुल 9 केस दर्ज हैं, जिनमें गंभीर धाराएं शामिल हैं:

साल 2001 – मारपीट, धमकी (धारा 323/504/506), थाना पौड़ी

साल 2017 – अवैध उगाही (धारा 384), थाना कोटद्वार

साल 2018 – रास्ता रोकना (धारा 341), थाना लैंसडौन

साल 2018 – सरकारी कार्य में बाधा डालना व जालसाजी (धारा 353/469), थाना पौड़ी

साल 2022 – फर्जी दस्तावेज बनाना व अफवाह फैलाना (धारा 469/505), थाना प्रेमनगर

साल 2024 – महिला से दुर्व्यवहार व पॉक्सो एक्ट (धारा 354 व 7/8/23 पॉक्सो एक्ट), थाना कर्णप्रयाग

साल 2024 – एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा (धारा 504/506 व 3(1) (घ)(य) (ग)), थाना पौड़ी

साल 2024 – सरकारी कर्मचारी पर हमला (धारा 332/353), थाना पौड़ी

साल 2024 – साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप (धारा 153A), थाना पौड़ी

उत्तराखंड में बढ़ता राजनीतिक तनाव
यूकेडी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद, पार्टी ने इसे “राजनीतिक षड्यंत्र” करार दिया है और कहा है कि उनकी “पहाड़ की लड़ाई” जारी रहेगी। वहीं, व्यापारिक संगठनों ने इस तरह की घटनाओं की कड़ी निंदा की है और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

अब सवाल यह है कि क्या उत्तराखंड में पहाड़ और मैदान के लोगों के बीच यह विवाद और बढ़ेगा, या सरकार इस मुद्दे को शांतिपूर्वक हल करने में सफल होगी?

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