“Chardham Yatra: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर के 30 मीटर दायरे में मोबाइल वीडियो और रील पर लगेगा बैन”

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के पास मोबाइल फोन से वीडियो और रील बनाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। यह कदम मंदिरों के 30 मीटर के दायरे में लागू होगा, ताकि श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को शांतिपूर्ण और पवित्र वातावरण में पूजा-अर्चना करने का अवसर मिल सके।मंदिर प्रशासन और राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि मंदिरों में श्रद्धालुओं की श्रद्धा और पूजा के माहौल को बरकरार रखने के लिए मोबाइल से वीडियो, रील या किसी अन्य प्रकार का शूटिंग करना ब prohibited होगा। यह आदेश विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लागू होगा, जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इस फैसले का उद्देश्य मंदिर परिसर में शांति और एकाग्रता बनाए रखना है। अधिकारियों का मानना है कि सोशल मीडिया पर वीडियो और रील्स बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति से मंदिरों में अनुशासन की कमी हो सकती है और श्रद्धालुओं के लिए वातावरण अशांत हो सकता है। इसके अलावा, कैमरे के फ्लैश और वीडियो शूटिंग से अन्य श्रद्धालुओं की पूजा और ध्यान में विघ्न आ सकता है।तथा, मंदिरों के पास भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है, जिससे कभी-कभी उनके लिए परेशानी भी हो सकती है, विशेष रूप से जब लोग फोटो और वीडियो लेने के लिए मंदिर परिसर के संवेदनशील हिस्सों में भी घुसने की कोशिश करते हैं। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि सिर्फ श्रद्धालु ही मंदिर में आएं और पूजा में एकाग्र रहें।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने कहा है कि यदि कोई श्रद्धालु इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि मंदिरों के पास मौजूद सुरक्षा कर्मी और मंदिर प्रबंधन के लोग इस नियम का पालन सुनिश्चित करेंगे और श्रद्धालुओं को इस बारे में पहले से ही सूचित करेंगे।बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे प्रमुख तीर्थस्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं से उम्मीद की जा रही है कि वे इस आदेश का पालन करेंगे और धार्मिक स्थल पर आने का उनका अनुभव और भी पवित्र होगा। वहीं, प्रशासन का यह भी मानना है कि इस कदम से मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में व्यवधान नहीं आएगा और शांति का माहौल बना रहेगा।यह निर्णय सरकार के धार्मिक स्थलों के संरक्षण और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर माहौल बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।