
केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा में बढ़ते फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए अब साइबर थाने की टीम गठित की गई है। यह कदम यात्रियों को ऑनलाइन बुकिंग के दौरान धोखा देने वाले अपराधियों पर लगाम कसने के उद्देश्य से उठाया गया है। हेलीकॉप्टर सेवा के माध्यम से तीर्थयात्रियों को केदारनाथ दर्शन के लिए यात्रा की सुविधा दी जाती है, लेकिन इस सेवा से जुड़ी बुकिंग प्रक्रिया में अब फर्जी वेबसाइट्स और ऐप्स के माध्यम से धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है।विभाग द्वारा की गई जांच में पता चला कि कुछ शातिर अपराधी फर्जी वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स के जरिए यात्रियों से पैसे ठग रहे थे। इन फर्जी साइट्स पर हेलीकॉप्टर सेवा के नाम पर बुकिंग कराने के बाद ना तो यात्रा की जाती है और ना ही पैसे वापस मिलते हैं। इससे यात्रियों को न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा था, बल्कि उनकी धार्मिक यात्रा भी बाधित हो रही थी।इन धोखाधड़ी मामलों को गंभीरता से लेते हुए, राज्य सरकार ने साइबर थाने की एक विशेष टीम गठित की है, जो इन अपराधियों का पर्दाफाश करने और यात्रियों को सुरक्षित सेवाएं प्रदान करने के लिए कार्य करेगी। यह टीम अब इस मुद्दे की जांच कर रही है और फर्जी वेबसाइट्स तथा ऐप्स की पहचान करने में जुटी है। साइबर थाने की टीम के सदस्य यात्रियों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें सही और अधिकृत बुकिंग चैनल के बारे में भी जानकारी देंगे।इसके अलावा, यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे केवल आधिकारिक और प्रमाणित वेबसाइट्स और ऐप्स के माध्यम से ही हेलीकॉप्टर सेवा की बुकिंग करें। यात्रा से जुड़ी कोई भी जानकारी या बुकिंग करने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि वे जिस वेबसाइट या ऐप का उपयोग कर रहे हैं, वह सरकारी अथवा अधिकृत हो। यात्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि वे भुगतान के लिए केवल सुरक्षित और मान्यता प्राप्त भुगतान प्लेटफॉर्म का ही चयन करें।इसके साथ ही, हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़ी बुकिंग प्रक्रिया में और भी सुधार किए जाएंगे ताकि यात्री बिना किसी चिंता के अपनी यात्रा की योजना बना सकें। सरकार ने यह भी कहा कि यदि किसी यात्री को धोखाधड़ी का सामना करना पड़े, तो वह तुरंत साइबर थाने से संपर्क कर सकता है, और शिकायत दर्ज करवा सकता है।इन कदमों के माध्यम से सरकार का उद्देश्य न केवल केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाना है, बल्कि यात्रियों को हर प्रकार की धोखाधड़ी से भी बचाना है।