
कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव धोखाधड़ी से जीते गए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने चुनावी प्रक्रिया को तोड़-मरोड़ कर, लोकतंत्र की भावना के खिलाफ काम किया है। खरगे ने यह भी कहा कि भाजपा धीरे-धीरे देश में लोकतंत्र को खत्म करने की दिशा में काम कर रही है और इस तरह के कृत्य लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर रहे हैं।खरगे ने भाजपा पर यह आरोप तब लगाया जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद से सियासी हलचल तेज हो गई थी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे थे और आरोप लगा रहे थे कि भाजपा ने सत्ता में आने के लिए संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया। खरगे ने कहा, “महाराष्ट्र में भाजपा ने जनता का विश्वास धोखा दिया और लोकतंत्र की हत्या की। यह एक ऐसी साजिश है, जिसका उद्देश्य देश में अपनी सत्ता को स्थिर बनाए रखना है, चाहे इसके लिए किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी क्यों न करनी पड़े।”उन्होंने भाजपा के नेतृत्व पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने लोकतंत्र के सिद्धांतों को नजरअंदाज किया है और संविधान की अवहेलना करते हुए सत्ता की ओर बढ़ने के लिए हर संभव उपाय किए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकारें विभिन्न राज्यों में विपक्षी दलों की आवाज़ दबाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही हैं।इसके साथ ही, खरगे ने यह भी कहा कि भाजपा की राजनीति केवल अपने स्वार्थ और सत्ता को बनाए रखने तक सीमित रह गई है, और इस दौरान जनता के अधिकारों और स्वतंत्रता को पंख लगाने के बजाय, उन्हें कुचला जा रहा है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को अपने फायदे के लिए बदलने और प्रभावित करने की कई कोशिशें की हैं, जो लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से यह मांग की कि वह चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करे, ताकि लोगों का विश्वास लोकतांत्रिक प्रणाली में बना रहे। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दल और आम जनता भाजपा के इस आंतरिक लोकतंत्र को समाप्त करने के प्रयासों के खिलाफ लगातार संघर्ष करेंगे और भाजपा के इस जनविरोधी एजेंडे को हर हाल में रोकेंगे।खरगे ने यह भी कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हर नागरिक को एकजुट होकर भाजपा के इन प्रयासों के खिलाफ आवाज उठानी होगी, ताकि देश की भविष्यवाणी और संविधान की रक्षा हो सके। उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस लोकतांत्रिक संघर्ष में आगे बढ़कर अपना योगदान दें और जनता के अधिकारों की रक्षा करें।इस बयान के बाद, भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से नकारा किया और कहा कि कांग्रेस अपनी हार के बाद इन आरोपों से अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने यह भी कहा कि चुनावों में जो भी प्रक्रिया अपनाई गई, वह पूरी तरह से वैध और संविधानिक थी।महाराष्ट्र चुनाव को लेकर यह विवाद और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप केवल राजनीतिक मंच पर ही नहीं, बल्कि जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर विपक्षी दलों और भाजपा के बीच आगे कौन से कदम उठाए जाते हैं और क्या इसका कोई ठोस समाधान निकाला जाएगा।