जम्मू-कश्मीर: विधानसभा के बाहर विधायक आपस में भिड़े, वक्फ कानून पर सदन में जोरदार हंगामा

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को वक्फ कानून को लेकर भारी हंगामा हुआ, जब सदन के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर विपक्षी और सत्ताधारी दलों के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। वक्फ कानून को लेकर विधानसभा के बाहर एक और घटना घटी, जब विधायक आपस में भिड़ गए और हाथापाई तक की नौबत आ गई। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है और सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।वक्फ कानून को लेकर सदन में जमकर बहस हुई। विपक्षी दलों ने इस कानून का विरोध करते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकारों के खिलाफ बताया, जबकि सत्ताधारी दल के विधायकों ने इसे राज्य की धार्मिक और सामाजिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम करार दिया। इस दौरान, दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस छिड़ी, और कई बार स्थिति बाहर भी नियंत्रण से बाहर होती नजर आई।विधानसभा के बाहर, जब सदन की कार्यवाही जारी थी, कुछ विधायक वक्फ कानून पर अपनी-अपनी राय व्यक्त करने के लिए एक-दूसरे से भिड़ गए। गुस्से में आए विधायकों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और यह बहस जल्द ही हाथापाई में बदल गई। इस घटना के बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए। विधायकों के बीच इस तरह की घटना राज्य की राजनीति में असहमति और तनाव को और बढ़ा देती है।सदन में हंगामा जारी था और विपक्षी दलों ने वक्फ कानून को लेकर सरकार के फैसले का विरोध किया, जबकि सत्ताधारी दल के विधायकों ने इसे कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने की एक कोशिश बताया। बहस के दौरान, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के आरोपों का जोरदार जवाब दिया और सदन के अंदर माहौल गरमा गया।सदन की कार्यवाही के दौरान जब स्थिति और खराब हो गई, तो विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। इसके बाद, सरकार और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की, लेकिन यह मामला अब तक सुलझ नहीं पाया है।राज्य सरकार ने इस हिंसक घटनाक्रम और असहमति पर खेद व्यक्त किया है और कहा है कि वह इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सदन में उचित बहस और चर्चा के पक्षधर हैं और किसी भी प्रकार की हिंसा की निंदा करते हैं। साथ ही, पुलिस और सुरक्षा बलों को यह निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएं।वहीं, विपक्षी दलों ने इस घटना को लोकतंत्र और विचारों की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए, सरकार से स्थिति को ठीक करने की मांग की है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है।इस घटनाक्रम के बाद, जम्मू-कश्मीर में वक्फ कानून पर बहस और भी गरमाई हुई नजर आ रही है, और यह मुद्दा राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लेता हुआ प्रतीत हो रहा है। सभी की निगाहें अब इस बात पर हैं कि सरकार और विपक्ष इस विवाद को किस तरह से सुलझाते हैं और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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