
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद, अब घर खरीदारों को होम लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है। इस कटौती के बाद, विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में होम लोन पर ब्याज दरें घटने की संभावना जताई जा रही है, जिससे लाखों ग्राहकों को फायदा हो सकता है। खासकर, 25 लाख रुपये, 30 लाख रुपये और 50 लाख रुपये तक के लोन लेने वाले गृह ऋणधारकों के लिए यह खबर राहत का कारण बन सकती है।रेपो दर में कटौती का सीधा असर बैंकों की ब्याज दरों पर पड़ता है, जो होम लोन लेने वाले ग्राहकों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। जब बैंकों का कर्ज सस्ता होता है, तो वे ग्राहकों को कम ब्याज दर पर ऋण देने में सक्षम होते हैं, जिससे ईएमआई की राशि में भी कमी आती है।
25 लाख रुपये के लोन पर बचत:
मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 25 लाख रुपये का होम लोन लिया है, और उसकी ब्याज दर 8 प्रतिशत पर है। 20 साल के लिए लिए गए इस लोन पर महीने की ईएमआई लगभग 21,000 रुपये के आस-पास हो सकती है। अब यदि ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कमी आती है, तो इससे उसकी ईएमआई में लगभग 500 से 1,000 रुपये की कमी हो सकती है। इस प्रकार, पूरे लोन की अवधि में लगभग 1,20,000 रुपये से लेकर 2,40,000 रुपये तक की बचत हो सकती है, जो कि काफी अहम हो सकती है।
30 लाख रुपये के लोन पर बचत:
अगर किसी व्यक्ति ने 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है, और उसकी ब्याज दर 8 प्रतिशत है, तो 20 साल के लोन पर उसकी मासिक ईएमआई लगभग 25,000 रुपये के आसपास हो सकती है। यदि ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कमी होती है, तो उसकी ईएमआई में 600 से 1,200 रुपये तक की कमी आ सकती है। इससे पूरे लोन की अवधि में करीब 1,50,000 रुपये से 3,00,000 रुपये तक की बचत हो सकती है।
50 लाख रुपये के लोन पर बचत:
यदि किसी व्यक्ति ने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है, तो उसकी ब्याज दर 8 प्रतिशत पर मासिक ईएमआई लगभग 41,000 से 42,000 रुपये हो सकती है। यदि ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कमी आती है, तो ईएमआई में लगभग 1,000 से 2,000 रुपये की कमी हो सकती है। इस प्रकार, 20 साल की अवधि में लगभग 2,40,000 रुपये से 4,80,000 रुपये तक की बचत हो सकती है, जो कर्जधारक के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
हालांकि यह छोटी सी कमी पहली नजर में बहुत बड़ी नहीं लग सकती, लेकिन लंबे समय में यह एक बड़ी बचत बन सकती है। खासकर जब होम लोन का भुगतान कई वर्षों तक किया जाता है, तो ऐसे छोटे-छोटे बदलाव बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।इसके अलावा, इस दर में कमी का असर नए लोन लेने वालों के लिए भी होगा। जिन लोगों ने हाल ही में घर खरीदी है और उन्होंने उच्च ब्याज दर पर लोन लिया है, वे भी बैंकों से संपर्क कर अपनी ब्याज दरों में कमी कराने की कोशिश कर सकते हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आरबीआई ने और भी रेपो दर में कटौती की, तो आने वाले समय में और भी ग्राहकों को होम लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है, जो घर खरीदारों के लिए एक अच्छा संकेत है।कुल मिलाकर, यह कटौती गृह ऋणधारकों के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकती है, जिससे न केवल उनकी मासिक ईएमआई कम होगी, बल्कि लंबी अवधि में कर्ज की कुल राशि पर भी बचत हो सकती है।