
भारत ने अपने वायुसेना के बेड़े को और अधिक मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने फ्रांस से 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 63,000 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए किया गया है, जिससे भारत की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके और किसी भी बाहरी खतरे का प्रभावी रूप से मुकाबला किया जा सके।इस समझौते के तहत, भारत 26 राफेल विमान खरीदेगा, जिसमें से 18 विमान पूरी तरह से तैयार होंगे, जबकि 8 विमान भारत में बने विमान निर्माण संयंत्र में असेंबल किए जाएंगे। इन राफेल विमानों का सौदा पहले 2016 में किया गया था, जब भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल विमान खरीदने के लिए एक बड़ा सौदा किया था। अब इस नए सौदे से भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक विमान प्राप्त होंगे, जो विशेष रूप से सीमा सुरक्षा और एयर डोमिनेशन के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।राफेल विमानों को एक अत्याधुनिक मल्टी-रोल फाइटर जेट माना जाता है, जो दुश्मन की वायुसेना और रक्षा प्रणालियों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी हमलों के लिए सक्षम है। इनमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, हवा से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलें, और अत्याधुनिक रडार प्रणाली शामिल हैं, जो इसे हर प्रकार के मौसम में दुश्मन को ट्रैक और निशाना बनाने में सक्षम बनाती हैं।यह सौदा भारतीय वायुसेना के लिए एक बडी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह भारत की रक्षा क्षमता को मजबूती प्रदान करेगा और भारतीय वायुसेना को दुनिया के सबसे शक्तिशाली वायुसेना बलों के बराबर लाकर खड़ा कर देगा। राफेल विमानों को भारतीय सेना की रणनीतिक शक्ति के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जो सीमाओं पर किसी भी संभावित सैन्य खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहेगा।इसके अलावा, यह डील भारत के रक्षा उद्योग के लिए भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। भारत में विमानों के असेंबल होने से भारतीय रक्षा क्षेत्र में रोजगार सृजन होगा और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, भारत को फ्रांस से नई तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण भी मिलेगा, जिससे भारतीय वायुसेना की संचालन क्षमता में सुधार होगा।इस बड़े सौदे को लेकर भारतीय सरकार और सेना दोनों ही उत्साहित हैं, क्योंकि यह भारत की सैन्य शक्ति को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, इस डील से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत अपनी रक्षा प्रणाली को लगातार अपडेट कर रहा है और हर संभव उपाय कर रहा है ताकि वह किसी भी बाहरी खतरे से निपटने में सक्षम रहे।भारत का यह कदम, खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के साथ जारी तनाव के बीच, सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राफेल जेट्स भारत को वायु सुरक्षा के मामले में एक नई शक्ति देंगे और किसी भी सैन्य आक्रमण के खिलाफ देश की रक्षा क्षमता को मज़बूती प्रदान करेंगे।इस प्रकार, भारत ने 63,000 करोड़ रुपये के इस सौदे के माध्यम से अपने रक्षा बेड़े को एक महत्वपूर्ण आयाम दिया है, जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत और क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। यह कदम भारत के रक्षा उद्योग और सुरक्षा को लेकर सरकार के दृढ़ संकल्प को और मजबूत करता है।