हरादून से श्रीनगर की उड़ान पर ब्रेक, अब भुवनेश्वर के लिए संचालित हो रही सेवा – यात्रियों में नाराज़गी, सवालों के घेरे में एयरलाइंस की प्राथमिकता
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल श्रीनगर के लिए उड़ान सेवा को 1 अप्रैल से अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं, उसी एयरलाइन द्वारा अब देहरादून से पूर्वी भारत के शहर भुवनेश्वर के लिए उड़ान संचालित की जा रही है। इस अचानक बदलाव ने न केवल यात्रियों को असुविधा में डाला है, बल्कि यह भी सवाल उठाए हैं कि एयरलाइंस और हवाई अड्डा प्रबंधन की प्राथमिकताएं क्या हैं – पर्यटन को बढ़ावा देना या केवल मुनाफे का गणित?
पर्यटकों और स्थानीय लोगों को तगड़ा झटका
गर्मी के मौसम में उत्तर भारत के लोग पहाड़ों की ओर रुख करते हैं और श्रीनगर उनमें से एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है। देहरादून और श्रीनगर के बीच की उड़ान सेवा दोनों राज्यों के पर्यटन को जोड़ने वाली एक अहम कड़ी थी। लेकिन अब इस रूट को बंद कर दिए जाने से खासतौर पर उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को बड़ी परेशानी हो रही है।एक यात्री ने बताया, “हमने अप्रैल के पहले हफ्ते में श्रीनगर की ट्रिप प्लान की थी। फ्लाइट बुक करनी चाही, लेकिन देखा कि ऑप्शन ही नहीं है। बाद में पता चला कि उड़ान बंद कर दी गई है। अब हमें दिल्ली जाकर फ्लाइट लेनी पड़ेगी, जिससे खर्च और समय दोनों बढ़ेंगे।”

भुवनेश्वर उड़ान शुरू, लेकिन क्यों?
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर एयरलाइन ने भुवनेश्वर को प्राथमिकता क्यों दी? जानकारों का मानना है कि गर्मी के मौसम में तटीय इलाकों और धार्मिक स्थलों (जैसे पुरी) की डिमांड भी बढ़ जाती है। भुवनेश्वर उड़ान का निर्णय शायद उसी ट्रैवल ट्रेंड को ध्यान में रखकर लिया गया है।हालांकि, स्थानीय लोगों और पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि श्रीनगर रूट को अचानक बंद करना उत्तराखंड के पर्यटन हितों के खिलाफ है।
एयरलाइन की चुप्पी, प्रशासन भी अनजान
इस बदलाव पर संबंधित एयरलाइन की ओर से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। न ही हवाई अड्डा प्रबंधन की ओर से यात्रियों को पहले से कोई सूचना दी गई थी। इससे यात्रियों के मन में नाराज़गी और भ्रम की स्थिति है।देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से जुड़े एक अधिकारी ने अनौपचारिक रूप से बताया कि, “रूट ऑपरेशन पूरी तरह एयरलाइन की व्यवसायिक रणनीति पर निर्भर करता है। अगर किसी रूट पर कम यात्री हैं, तो कंपनियां दूसरा रूट चुनती हैं।”
पर्यटन उद्योग में चिंता
उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग इस फैसले से चिंतित हैं। वे मानते हैं कि श्रीनगर जैसी जगह से सीधी हवाई कनेक्टिविटी होना राज्य के पर्यटन को दोतरफा लाभ देता है – कश्मीर से पर्यटक उत्तराखंड आते हैं और उत्तराखंड से कश्मीर।पर्यटन विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “हमें इन उड़ानों की स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतिगत सहयोग देना होगा। एयरलाइंस को इस तरह मनमानी करने की छूट नहीं होनी चाहिए।”
यात्री असमंजस में, व्यवस्था सवालों के घेरे में
देहरादून से श्रीनगर की उड़ान पर बिना पूर्व सूचना ब्रेक लगाना न सिर्फ यात्रियों के लिए असुविधाजनक है, बल्कि यह हवाई यात्रा प्रणाली में पारदर्शिता और पूर्व नियोजन की कमी को भी उजागर करता है। भुवनेश्वर रूट का शुभारंभ स्वागत योग्य हो सकता है, लेकिन उसकी कीमत उत्तर भारत के एक अहम रूट को बंद करके चुकाना – यात्रियों के लिए अस्वीकार्य है।सरकार और हवाई अड्डा प्रबंधन को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, ताकि भविष्य में यात्रियों को बिना सूचना के ऐसी परेशानी न झेलनी पड़े और पर्यटन हितों की अनदेखी न हो।