“पानी की कमी से जूझते उत्तराखंड में जिलावार कंट्रोल रूम की शुरुआत, सीएम का आदेश”

उत्तराखंड: पानी की किल्लत सताए तो इन नंबरों पर करें संपर्क, सीएम के निर्देश पर जिलों में बने कंट्रोल रूम

गर्मियों की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड के कई हिस्सों में पानी की किल्लत गहराने लगी है। गांवों से लेकर शहरों तक लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। इसी स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पानी की समस्या से निपटने के लिए तुरंत प्रभाव से जिलावार कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं, ताकि लोगों की शिकायतों का समय पर समाधान हो सके और उन्हें राहत मिल सके।मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक जिले में जल आपूर्ति की निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां पर आम लोग फोन के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इन कंट्रोल रूम्स में तैनात अधिकारी और कर्मचारी पानी की आपूर्ति से जुड़ी किसी भी समस्या पर त्वरित कार्रवाई करेंगे और ज़रूरत पड़ने पर वैकल्पिक जल आपूर्ति की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे। यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी दोनों इलाकों में जल स्रोतों पर गर्मी का सीधा असर पड़ा है, जिससे नलों और टैंकों से जलापूर्ति में दिक्कतें सामने आ रही हैं।राज्य सरकार ने पेयजल विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जल संकट वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां टैंकरों से पानी भेजने, हैंडपंप की मरम्मत और जरूरत पड़ने पर अस्थायी ट्यूबवेल लगाने की व्यवस्था की जाए। वहीं, जल जीवन मिशन के अंतर्गत जारी योजनाओं की प्रगति पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है, ताकि दीर्घकालिक समाधान सुनिश्चित किया जा सके।मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जल संकट की इस घड़ी में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह हर नागरिक तक पानी पहुंचाए और कोई भी परिवार इस बुनियादी ज़रूरत से वंचित न रहे। इसके लिए प्रत्येक जिले को अपने स्थानीय नंबर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन पर लोग सुबह से लेकर देर रात तक कॉल कर सकते हैं। सरकार ने यह भी तय किया है कि कंट्रोल रूम में प्राप्त शिकायतों पर 24 से 48 घंटे के भीतर कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।वहीं, आम जनता से भी अपील की गई है कि वे जल का संरक्षण करें, अनावश्यक बर्बादी न करें और जहां संभव हो, पुनः उपयोग और वर्षा जल संचयन जैसे उपायों को अपनाएं। प्रशासन का मानना है कि जल संकट से लड़ने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ आम लोगों की सहभागिता भी बेहद जरूरी है।

उत्तराखंड सरकार द्वारा जल संकट से निपटने के लिए उठाया गया यह कदम न केवल सराहनीय है, बल्कि यह बताता है कि राज्य सरकार समस्याओं को लेकर कितनी गंभीर है। जिलावार कंट्रोल रूम की स्थापना से जल संकट से जूझ रहे लोगों को एक सीधा संवाद मंच मिलेगा और वे अपनी समस्याओं को तेजी से प्रशासन तक पहुंचा पाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि यह व्यवस्था गर्मियों में जल संकट के प्रबंधन में एक मजबूत सहारा बनेगी।

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