Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
"उत्तराखंड में बिजली हुई महंगी, 27 लाख उपभोक्ताओं पर बढ़ी दरों का बोझ" - The Indian Exposure

“उत्तराखंड में बिजली हुई महंगी, 27 लाख उपभोक्ताओं पर बढ़ी दरों का बोझ”

देहरादून, 11 अप्रैल 2025: उत्तराखंड के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए यह गर्मी का मौसम और भी भारी पड़ने वाला है। राज्य विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की नई दरों की घोषणा कर दी है, जिसके तहत राज्य के करीब 27 लाख उपभोक्ताओं को अब अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी। आयोग ने बिजली की दरों में औसतन 2.68% की बढ़ोतरी की है, जो हर श्रेणी—घरेलू, व्यावसायिक, कृषि और औद्योगिक—पर लागू होगी।इस फैसले से खासतौर पर घरेलू उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायियों को सबसे अधिक झटका लगा है। पहले से ही महंगाई, रसोई गैस और ईंधन के बढ़ते दामों से परेशान जनता अब बिजली के बढ़ते बिलों का बोझ उठाने को मजबूर होगी।

📈 क्या हैं नई दरें?

यूईआरसी द्वारा जारी टैरिफ ऑर्डर के अनुसार:

  • घरेलू श्रेणी में 0-100 यूनिट की खपत पर अब 3.25 रुपये की जगह 3.40 रुपये प्रति यूनिट देना होगा।
  • 100-200 यूनिट की खपत पर दर 4.90 रुपये से बढ़ाकर 5.10 रुपये कर दी गई है।
  • 200 यूनिट से ऊपर वालों को अब 6.10 रुपये के बजाय 6.30 रुपये प्रति यूनिट देना होगा।
  • वाणिज्यिक और औद्योगिक श्रेणी में दरों में 3% से अधिक वृद्धि हुई है, जिससे कारोबारियों में असंतोष देखा जा रहा है।

⚠️ महंगाई की मार में और इज़ाफा

बिजली दरों में यह वृद्धि ऐसे समय में की गई है, जब देश भर में आम नागरिक पहले से ही खाद्य सामग्री, ईंधन और घरेलू ज़रूरतों की कीमतों से परेशान है। अब बिजली बिल में वृद्धि ने आम जनता की परेशानी और बढ़ा दी है। उत्तराखंड के कई इलाकों, विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग जहां आय के सीमित स्रोत हैं, इस वृद्धि से अधिक प्रभावित होंगे।

🔍 आयोग की दलीलें

राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कहा है कि इस वृद्धि के पीछे बिजली उत्पादन, खरीद, ट्रांसमिशन और रख-रखाव की लागत में इज़ाफा है। आयोग ने यह भी बताया कि उत्तराखंड जल विद्युत पर तो निर्भर है, लेकिन बारिश की कमी और जलस्तर में गिरावट से उत्पादन प्रभावित हुआ है। दूसरी ओर, कोयले और गैस से चलने वाले संयंत्रों से बिजली खरीदनी पड़ी, जो महंगी पड़ती है।

🗣️ जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया

जहां सरकारी अधिकारी इसे “आवश्यक” निर्णय बता रहे हैं, वहीं जनता और विपक्ष ने इस कदम की आलोचना की है। आम लोग सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय स्तर पर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने कहा है कि सरकार आम आदमी की तकलीफ को नजरअंदाज कर रही है और हर साल टैरिफ बढ़ाकर जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है।राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस फैसले को “जनविरोधी” बताया और विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने का ऐलान किया। कई सामाजिक संगठनों ने भी बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

🔌 क्या मिल सकती है कोई राहत?

राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी योजनाएं जारी रहेंगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह राहत पर्याप्त होगी? क्योंकि अधिकांश मध्यम वर्ग इस दायरे में नहीं आता और सबसे अधिक वही प्रभावित हो रहा है।

📊 आगे क्या?

बिजली दरों की यह बढ़ोतरी राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी असर डालेगी, खासतौर पर लघु उद्योगों, पर्यटन व्यवसाय और किसानों पर। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति और बढ़ सकती है, जिसका सीधा असर राज्य के विकास पर पड़ेगा।अब यह देखना होगा कि सरकार जनता की इस नाराजगी को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या कोई राहत नीति सामने लाई जाती है या नहीं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5481