“दीपक हत्याकांड: शिवानी की जेल में सिसकियां, अफसरों से मदद की कर रही अपील; पति के हत्या पर कोई पछतावा नहीं”

नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के दीपक हत्याकांड के मामले में शिवानी, जो इस हत्याकांड की मुख्य आरोपी है, इन दिनों जेल में गंभीर मानसिक तनाव से गुजर रही है। जेल में बंद शिवानी के बारे में ताजा जानकारी सामने आई है, जिसमें यह बताया गया है कि वह लगातार अफसरों से मदद की गुहार लगा रही है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उसे अपने पति दीपक के मर्डर पर कोई पछतावा नहीं है। कहा जा रहा है कि शिवानी, जो अब तक मामले में संलिप्त होने की बात मान चुकी है, अपने अपराध को लेकर गहरी मानसिक परेशानी और सजा की चिंता से जूझ रही है। हालांकि, उसकी जेल में स्थिती यह दर्शाती है कि वह अपने किए पर पछतावा महसूस नहीं कर रही है। शिवानी अफसरों से बार-बार यह गुहार लगा रही है कि उसे जेल में सही इलाज मिले, क्योंकि वह मानसिक रूप से बहुत कमजोर हो गई है। वह अपनी सिसकियों के साथ अधिकारियों से यह भी कह रही है कि जेल के हालात और मानसिक तनाव के कारण वह अपनी स्थिति पर काबू नहीं पा रही है। दीपक की हत्या का यह मामला उत्तर प्रदेश में खूब सुर्खियों में रहा था। दीपक की हत्या में शिवानी का नाम सामने आने के बाद जांच तेज की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद से ही शिवानी के व्यवहार और मानसिक स्थिति को लेकर चर्चा हो रही है। वह अपने पति की हत्या के मामले में बेहद शांत और निर्मम दिखाई दे रही है, जबकि उसके परिवार वाले और अन्य लोग इस घटना को लेकर गहरे सदमे में हैं। शिवानी ने जो बयान दिए हैं, वे इस मामले को और भी जटिल बना रहे हैं। उसने न तो अपनी पत्नी के रूप में दीपक के प्रति कोई अफसोस जताया, न ही किसी प्रकार का पछतावा दिखाया। उलटे, वह यह दावा कर रही है कि उसका पति अक्सर उसके साथ दुर्व्यवहार करता था, और यह हत्याकांड उसके लिए मानसिक रूप से अत्यधिक दबाव का परिणाम था। शिवानी की गिरफ्तारी के बाद, जेल अधिकारियों ने उसकी मानसिक स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने दावा किया कि वह कई बार अपनी स्थिति को लेकर परेशान हो चुकी है, लेकिन उसके अपराध पर कोई पछतावा नहीं है। इसके बावजूद, उसे जेल में मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध करवाई जा रही है।इस मामले में अब तक जो भी जानकारी सामने आई है, उससे यह स्पष्ट होता है कि शिवानी को दीपक की हत्या के बाद कोई अपराधबोध महसूस नहीं हो रहा है। उसे अपनी कार्रवाई पर कोई पछतावा या अफसोस नहीं है। इसका कारण अभी तक पूरी तरह से सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह उसकी मानसिक स्थिति और उस पर पड़े अत्यधिक दबाव का नतीजा हो सकता है। दीपक हत्याकांड के बाद शिवानी का व्यवहार और बयान उसकी पूरी मानसिक स्थिति को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। क्या यह मानसिक तनाव का परिणाम है या फिर कोई साजिश? फिलहाल इस मामले की जांच जारी है, और पुलिस अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया है कि वे शिवानी के पूरे मानसिक और शारीरिक परीक्षण के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। कई लोगों ने इस मामले में मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। कुछ का मानना है कि मीडिया ने इस पूरे घटनाक्रम को बहुत नाटकीय तरीके से पेश किया, जबकि सच यह हो सकता है कि शिवानी अपनी गलतियों पर पछतावा महसूस कर रही हो, लेकिन वह अपने अपराध को स्वीकार नहीं कर पा रही है। दीपक की हत्या और शिवानी की गिरफ्तारी ने न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक बहस का मुद्दा बना दिया है। क्या किसी अपराधी को मानसिक दबाव और परिवारिक विवादों का हवाला देकर छोड़ा जा सकता है, या उसे कानून के हिसाब से सजा मिलनी चाहिए? इस पर चर्चाएं अब भी जारी हैं।

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