
देहरादून, 11 अप्रैल 2025: उत्तराखंड में हर साल आयोजित होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार ने इस बार एक और अहम कदम उठाया है। चारधाम यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निजी मेडिकल संस्थानों के डॉक्टरों को भी तैनात किया जाएगा। पहले चरण में कुल 50 डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी, जो यात्रा मार्गों पर अपनी सेवाएं देंगे। इस कदम का उद्देश्य यात्रा के दौरान आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का तत्काल इलाज सुनिश्चित करना है। उत्तराखंड के चार प्रमुख तीर्थस्थल बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक जाने वाले रास्ते अक्सर कठिन होते हैं और यहां के ऊंचे पहाड़ों पर श्रद्धालुओं को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, मेडिकल सेवाओं की उपलब्धता बेहद जरूरी है। इस दिशा में सरकार ने यह निर्णय लिया है कि निजी अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों के डॉक्टरों को यात्रा मार्गों पर तैनात किया जाएगा, ताकि अगर किसी श्रद्धालु को अचानक से स्वास्थ्य संबंधी समस्या उत्पन्न होती है, तो उसे तुरंत इलाज मिल सके। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन डॉक्टरों को विभिन्न मेडिकल संस्थानों और अस्पतालों से लिया जाएगा, जो खासतौर पर यात्रा मार्गों पर तैनात रहेंगे। पहले चरण में, कुल 50 डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी, जो प्रमुख यात्रा मार्गों पर यात्रा के दौरान चिकित्सा सहायता प्रदान करेंगे। इन डॉक्टरों को खासतौर पर हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सपोर्ट के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि ऊंचे पहाड़ों पर होने वाली बीमारियों और समस्या जैसे हाई एल्टीट्यूड सिकलनेस (एचएसी) और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इन डॉक्टरों के अलावा, मेडिकल टीम में नर्स, फार्मासिस्ट, और मेडिकल तकनीशियन भी तैनात किए जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार की चिकित्सा समस्या का तत्काल समाधान किया जा सके। साथ ही, इन डॉक्टरों को विशेष दवाओं और आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। सरकार का यह कदम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थितियों के समाधान में बेहद मददगार साबित हो सकता है, खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए जो उच्च ऊंचाई पर स्थित तीर्थ स्थलों पर जाते समय असहज महसूस करते हैं। यात्रा मार्गों पर तैनात किए गए ये डॉक्टर न केवल आकस्मिक बीमारियों के इलाज में मदद करेंगे, बल्कि वे उन श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा भी प्रदान करेंगे जो यात्रा के दौरान थकावट, चोट-चपेट या अन्य मामूली स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे होंगे। इस कदम से चारधाम यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने पहले से ही आपातकालीन सेवाओं और सड़क सुरक्षा के उपायों को मजबूत किया है। श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए, सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन भी शुरू किया है, ताकि यात्रा से पहले ही श्रद्धालु अपनी स्वास्थ्य जांच करवा सकें। मुख्य सचिव ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और स्वस्थ यात्रा प्रदान करना है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी श्रद्धालु को यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या न हो और उन्हें त्वरित उपचार मिल सके। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की तैनाती से हमें मदद मिलेगी, क्योंकि उनकी विशेषज्ञता और अनुभव हमें इस यात्रा को और सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।” इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर तैनात किए गए स्वास्थ्य शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दवाओं या स्वास्थ्य संबंधी जानकारी की कमी न हो। यह कदम खासतौर पर उन श्रद्धालुओं के लिए फायदेमंद होगा, जो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और उन्हें यात्रा के दौरान किसी प्रकार की चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है। इस कदम को लेकर स्थानीय नेताओं और जनता ने भी सरकार की सराहना की है। उनका मानना है कि इससे यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और यात्रा के प्रति उनका विश्वास और बढ़ेगा। चारधाम यात्रा 2025 का आयोजन हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा होती है, और इस वर्ष प्रशासन ने इस यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। ग्रीन कार्ड की शुरुआत से लेकर, निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की तैनाती तक, हर कदम से यात्रा को सुरक्षित और यादगार बनाने की कोशिश की जा रही है।