
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसक घटना को लेकर अब प्रशासनिक स्तर पर तेज़ी से कार्रवाई शुरू हो गई है। हाल ही में हुई पत्थरबाजी और आगजनी की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना दिया था। अब इस प्रकरण में पहली बड़ी गिरफ्तारी सामने आई है, जहां एक मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर आरोप है कि वह हिंसा की उस भीड़ का हिस्सा था, जिसने न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया बल्कि इलाके में अशांति और दहशत का माहौल बना दिया।गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जा रही है, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीद गवाहों के आधार पर उसकी पहचान की गई और उसके खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह गिरफ्तारी एक अहम कड़ी है, जिससे इस पूरे प्रकरण की साजिश और बाकी आरोपियों की पहचान करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, अन्य आरोपियों की तलाश के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।इस बीच, न्यायिक आयोग, जो हिंसा की जांच के लिए गठित किया गया है, ने भी घटनास्थल और प्रशासनिक स्तर की प्रतिक्रियाओं की समीक्षा शुरू कर दी है। इस कड़ी में संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) का बयान आयोग के समक्ष दर्ज किया गया। एसपी ने पूरी घटना के क्रम, प्रशासन की तत्परता, और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किए गए प्रयासों का ब्यौरा न्यायिक अधिकारियों को सौंपा।एसपी ने अपने बयान में बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक बल प्रयोग किया गया, ताकि हिंसा को और अधिक फैलने से रोका जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।पुलिस के अनुसार, हिंसा की शुरुआत एक स्थानीय विवाद से हुई थी, जो देखते ही देखते सांप्रदायिक रंग में बदल गई। सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों ने स्थिति को और बिगाड़ा। प्रशासन ने तुरंत इंटरनेट सेवाओं को बंद कर स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन तब तक कुछ असामाजिक तत्वों ने सड़कों पर उतरकर जमकर पत्थरबाजी और आगजनी की।अब जबकि न्यायिक आयोग ने भी अपनी जांच की शुरुआत कर दी है, उम्मीद की जा रही है कि इस मामले की तह तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के बाद अन्य लोगों की भूमिका भी सामने आ सकती है।स्थानीय प्रशासन ने इलाके में अभी भी धारा 144 लागू कर रखी है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि दोबारा कोई अप्रिय घटना न हो। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं और शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।संभल की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस तरह एक छोटी सी चिंगारी बड़े सामाजिक तनाव को जन्म दे सकती है। पुलिस और प्रशासन की इस बार की सख्ती से यह साफ संकेत है कि सरकार ऐसे मामलों में “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपना रही है।