
उत्तराखंड: हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर इस समय एक बड़ी चुनौती सामने आई है। यात्रा मार्ग पर 20 फीट ऊंचा हिमखंड जमा हुआ है, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। यह हिमखंड यात्रा मार्ग के बीचों-बीच स्थित है, जिससे रास्ता अवरुद्ध हो सकता है। इस हिमखंड का निरीक्षण करने के लिए सेना के जवान मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस बात का आकलन किया कि क्या इस हिमखंड को साफ करने की आवश्यकता है, या फिर उसे प्राकृतिक रूप से पिघलने का इंतजार किया जाए। सेना के जवानों ने इस हिमखंड का निरीक्षण करते हुए बताया कि फिलहाल कोई बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन स्थिति पर नज़र रखना जरूरी है। हिमखंड की ऊंचाई और उसकी स्थिति को देखते हुए सेना ने विशेषज्ञों को बुलाने का निर्णय लिया है, ताकि यात्रा मार्ग को जल्द से जल्द खोलने के उपाय तलाशे जा सकें। हिमखंड की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल बन गया है।हेमकुंड साहिब एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस समय यात्रा सीज़न में लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल की यात्रा करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यात्रा मार्ग पर हिमखंड के जमे होने के कारण यात्रा पर असर पड़ सकता है, खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए जो पहाड़ी रास्तों से यात्रा कर रहे हैं।स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले पर ध्यान दिया है और हेमकुंड साहिब मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए हैं। प्रशासन का कहना है कि यात्रा के मार्ग को जल्द से जल्द खोला जाएगा और इस दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने के लिए सेना, आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police) और अन्य सुरक्षाबलों की तैनाती की जाएगी।चिंता की बात यह है कि इस समय हिमखंड का आकार बढ़ने की संभावना है, क्योंकि तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। हालांकि, सेना और प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है और कोई भी खतरे की स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी। साथ ही, यात्रा मार्ग को साफ करने के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था भी की जा रही है।यह हिमखंड हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर एक महत्वपूर्ण मोड़ पर स्थित है, और यह प्राकृतिक घटना यात्रा में विघ्न डाल सकती है, यदि समय रहते इसे नियंत्रित न किया गया। यात्रा मार्ग के पुनः खुलने का समय अभी निश्चित नहीं है, लेकिन सेना और प्रशासन की पूरी कोशिश है कि यात्रियों को जल्द से जल्द सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाए।फिलहाल, श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों से अपील की गई है कि वे यात्रा के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करें और इस इलाके में आने से पहले स्थानीय प्रशासन से मार्ग की स्थिति की जानकारी जरूर लें।