
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का राजनीतिक दृष्टिकोण रखने जा रहे हैं। राहुल गांधी जल्द ही अमेरिका की यात्रा पर रवाना होंगे, जहां वे प्रतिष्ठित ब्राउन यूनिवर्सिटी में एक विशेष संबोधन देंगे। इस दौरे को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज है, क्योंकि राहुल गांधी इस बार विपक्ष के नेता के रूप में अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी का यह दौरा मई के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित है। इस दौरान वे अमेरिका के कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद करेंगे। सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम ब्राउन यूनिवर्सिटी में आयोजित किया जाएगा, जहां वे भारत की मौजूदा सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति पर अपना विचार रखेंगे। राहुल गांधी अपने भाषण में लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और देश में विपक्ष की भूमिका जैसे मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी के अनुसार, राहुल गांधी का यह दौरा भारतीय लोकतंत्र और विपक्ष की आवाज़ को वैश्विक मंच पर पहुंचाने का एक प्रयास है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि राहुल गांधी अमेरिका में भारतीय छात्रों और NRIs से भी मुलाकात करेंगे। उनके इस दौरे को 2024 लोकसभा चुनाव के बाद के राजनीतिक समीकरणों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। खासतौर पर ऐसे समय में जब केंद्र और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी नोकझोंक चल रही है, राहुल गांधी का यह विदेश दौरा राजनीतिक रूप से खासा अहम माना जा रहा है।बता दें कि राहुल गांधी इससे पहले भी अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के विश्वविद्यालयों में भाषण दे चुके हैं। उनके भाषणों में अक्सर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था, युवाओं की भागीदारी और देश की चुनौतियों को लेकर बेबाक राय देखने को मिली है। इस बार भी उनके संबोधन को लेकर छात्रों और भारतीय प्रवासियों में खासा उत्साह है।ब्राउन यूनिवर्सिटी, अमेरिका की सबसे प्रतिष्ठित Ivy League यूनिवर्सिटीज़ में शामिल है, और राहुल गांधी का वहां भाषण देना कांग्रेस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी इस मंच से न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच अपनी पार्टी का पक्ष रखेंगे, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों पर भी अपनी राय रख सकते हैं।कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि अमेरिका दौरे के बाद राहुल गांधी कनाडा और यूरोप के कुछ देशों का भी दौरा कर सकते हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। इस पूरे दौरे को पार्टी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि विदेशों में बसे भारतीयों के बीच भी विपक्ष की बात रखी जा सके।इस दौरे को लेकर बीजेपी और अन्य दलों की भी नजर बनी हुई है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के भाषण में उठाए गए मुद्दों को लेकर देश में एक नई बहस छिड़ सकती है।