उत्तराखंड में हेली सेवा को मिला नया पंख: गौचर और जोशियाड़ा के लिए आज से फिर शुरू उड़ानें

देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में एक बार फिर हेली सेवाओं की गूंज सुनाई देने लगी है। आज से गौचर (चमोली) और जोशियाड़ा (उत्तरकाशी) के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन दोबारा शुरू हो गया है, जिससे चारधाम यात्रा पर निकले तीर्थयात्रियों, स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को बड़ी राहत मिली है। यह फैसला राज्य सरकार द्वारा दुर्गम और सीमांत क्षेत्रों को बेहतर हवाई कनेक्टिविटी देने के उद्देश्य से लिया गया है। लंबे समय से इन रूट्स पर हेलीकॉप्टर सेवा स्थगित थी, जिसे अब फिर से सक्रिय किया गया है।

चारधाम यात्रा और आपात स्थिति में मिलेगी बड़ी सुविधा
चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत के साथ उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही भक्तों का जनसैलाब उत्तराखंड की ओर उमड़ पड़ा है। ऐसे में गौचर और जोशियाड़ा जैसे स्थानों से हेली सेवा दोबारा शुरू होने से विशेष रूप से बुजुर्ग, शारीरिक रूप से असमर्थ यात्री, और आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रा कर रहे लोगों को सुगम, सुरक्षित और तेज़ विकल्प मिल गया है।

सरकारी प्रयासों से मिली रफ्तार
राज्य सरकार और नागरिक उड्डयन विभाग की पहल से यह सेवाएं पुनः शुरू हुई हैं। यह कदम उत्तराखंड में बेहतर परिवहन ढांचे के विकास की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है। नागरिक उड्डयन विभाग ने स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर इन हेलीपैड्स की मरम्मत, सुरक्षा निरीक्षण और उड़ान संचालन की पूरी तैयारी पूरी कर ली है। साथ ही, निजी हेली कंपनियों को संचालन की अनुमति भी प्रदान की गई है, जिससे उड़ानों की संख्या और रूट्स को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

बढ़ेगा पर्यटन, सुधरेगी स्थानीय अर्थव्यवस्था
इन सेवाओं से न केवल तीर्थयात्रियों को लाभ मिलेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी, जो अब हवाई मार्ग से राज्य के अन्य हिस्सों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। साथ ही, आपातकालीन स्थिति में रोगियों को शीघ्र उपचार के लिए बड़े अस्पतालों तक पहुंचाने में भी यह सेवा जीवनदायिनी साबित हो सकती है।

इन स्थानों से भी जल्द उड़ान की तैयारी
गौचर और जोशियाड़ा के बाद प्रशासन ने मुनस्यारी, धारचूला, पिथौरागढ़, टिहरी, श्रीनगर, नैनीसैनी, हल्द्वानी जैसे क्षेत्रों से भी हेली सेवा पुनः शुरू करने की योजना बनाई है। इन हेलीपैड्स पर मरम्मत कार्य और उड़ान संचालन के लिए आवश्यक तकनीकी जांच अंतिम चरण में है। अगले कुछ सप्ताहों में इन क्षेत्रों से भी उड़ानों के शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।

ऑनलाइन बुकिंग और शुल्क निर्धारण प्रक्रिया शुरू
हेली सेवाओं के लिए ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। यात्री अब उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से उड़ानों की जानकारी, शेड्यूल और किराए की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। चारधाम यात्रा के दौरान यात्री भार को ध्यान में रखते हुए स्लॉट बुकिंग, मेडिकल फिटनेस और पहचान प्रमाणों की भी आवश्यकता होगी।

मुख्यमंत्री का संदेश
राज्य के मुख्यमंत्री ने हेली सेवा की बहाली पर खुशी जताते हुए कहा कि “उत्तराखंड के लिए हेली सेवाएं केवल यात्रा का साधन नहीं, बल्कि जीवन रेखा हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को समय पर स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुविधाएं मिलें, चाहे वो किसी भी कोने में क्यों न रहता हो।” गौचर और जोशियाड़ा से हेली सेवा की बहाली उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों में एक नई उम्मीद और विश्वास लेकर आई है। इससे जहां यात्रा और परिवहन सुगम होगा, वहीं राज्य की आर्थिक और सामाजिक गतिशीलता भी बढ़ेगी। आने वाले समय में जैसे-जैसे अन्य हेली रूट्स पर उड़ानें शुरू होंगी, उत्तराखंड सही मायनों में “हवाई संपर्कयुक्त हिमालयी राज्य” बनने की दिशा में अग्रसर होगा।

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