
आईपीएल 2025 के बीच एक बार फिर सट्टेबाजी का काला खेल उजागर हुआ है। चेन्नई सुपर किंग्स और पंजाब किंग्स के बीच खेले गए हाई-वोल्टेज मुकाबले के दौरान पुलिस ने सट्टा लगाते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी एक संगठित गिरोह के रूप में काम कर रहे थे और क्रिकेट के इस महापर्व को अवैध धंधे में बदलने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उनके पास से लाखों रुपये नकद, मोबाइल फोन, लैपटॉप और कई सट्टा संबंधित रिकॉर्ड जब्त किए हैं। पुलिस को इस नेटवर्क के बारे में गुप्त सूचना मिली थी कि एक खास ठिकाने पर आईपीएल मैच के हर ओवर और हर गेंद पर सट्टा लगवाया जा रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने दबिश दी और आरोपी सट्टेबाजों को रंगे हाथ पकड़ लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह रैकेट मोबाइल एप्स, व्हाट्सएप ग्रुप्स और कॉलिंग नेटवर्क के माध्यम से सट्टा संचालित कर रहा था। आरोपी ग्राहकों से संपर्क कर उन्हें हर बॉल और मैच के संभावित परिणाम पर दांव लगाने के लिए उकसाते थे। इस रैकेट में तकनीक का दुरुपयोग खुले तौर पर किया जा रहा था। आरोपी लोगों ने अपने मोबाइल फोन और लैपटॉप में लाइव स्कोरिंग के सॉफ़्टवेयर, ऑड्स चेंज करने वाले बॉट्स और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड रखने वाले डिजिटल टूल्स का उपयोग किया था। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह का नेटवर्क न सिर्फ शहर तक सीमित था, बल्कि अन्य राज्यों तक भी फैला हुआ है। आरोपी अलग-अलग बैंकों और ई-वॉलेट्स का इस्तेमाल कर सट्टे की रकम इधर-उधर कर रहे थे जिससे पकड़े जाने की संभावना कम हो। फिलहाल सभी आरोपियों के खिलाफ जुआ अधिनियम और आईटी अधिनियम की सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में भी जुट गई है और आरोपियों के मोबाइल और डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि इस सट्टेबाजी नेटवर्क के तार किसी बड़े गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।आईपीएल जैसे आयोजन देश भर में क्रिकेट के त्योहार की तरह देखा जाता है, लेकिन इसी लोकप्रियता का फायदा उठाकर कुछ लोग इससे करोड़ों की काली कमाई करते हैं। सट्टेबाजी न केवल खेल की निष्पक्षता पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में अपराध का जाल भी फैलाती है। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत दें ताकि इस तरह के अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके।