
भारत द्वारा चलाए जा रहे आतंकवाद विरोधी गुप्त अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” ने एक बार फिर अपनी घातक क्षमता और रणनीतिक सटीकता से दुनिया को चौंका दिया है। ताजा घटनाक्रम में, इस ऑपरेशन के अंतर्गत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जिनमें कम से कम 26 आतंकवादी मारे गए और 46 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई भारत की खुफिया एजेंसियों और विशेष ऑपरेशन कमांड यूनिट द्वारा मिलकर की गई। हाई-टेक ड्रोन, सैटेलाइट इंटेलिजेंस और जमीनी नेटवर्क की मदद से इन आतंकी ठिकानों की पहचान की गई और रात के अंधेरे में उन्हें निशाना बनाया गया। हमले इतने सटीक थे कि आतंकियों को प्रतिक्रिया देने या भागने का मौका ही नहीं मिला।
पाकिस्तानी पंजाब में मची अफरा-तफरी
इन हमलों के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत, विशेष रूप से बहावलपुर, डेरा गाज़ी खान और मुल्तान जैसे संवेदनशील इलाकों में भारी हड़कंप मच गया है। वहां की स्थानीय सरकार ने तुरंत प्रभाव से आपातकाल (Emergency) की घोषणा कर दी है। सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है और सेना को आंतरिक सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है।
पाकिस्तानी मीडिया में इस ऑपरेशन को लेकर घबराहट और भ्रम की स्थिति है। कुछ रिपोर्ट्स में इसे “सीमा पार से हुआ बड़ा हमला” बताया जा रहा है, जबकि पाकिस्तान सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं जारी किया है। कई स्थानीय रिपोर्टर्स को कवरेज से रोका जा रहा है और सोशल मीडिया पर भी सख्त निगरानी रखी जा रही है।
भारत की चुप्पी, लेकिन संदेश साफ
हालांकि भारत सरकार की ओर से इस ऑपरेशन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रक्षामंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि “ऑपरेशन सिंदूर” अब अपने निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है। यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ चल रही “जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा है, जिसमें अब सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि पूर्व-खतरे को खत्म करने की नीति अपनाई जा रही है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ऑपरेशन एक रणनीतिक संदेश है — भारत अब आतंक के अड्डों को केवल चेतावनी नहीं देगा, बल्कि उन्हें नष्ट करेगा, चाहे वे सीमा के इस पार हों या उस पार।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं पर नजर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस ऑपरेशन की हलचल महसूस की जा रही है। अमेरिका, फ्रांस और इजराइल जैसे देशों की खुफिया एजेंसियों ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर गहरी रुचि दिखाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पहले ही कहा था कि “भारत अब रक्षात्मक नहीं, निर्णायक रणनीति की ओर बढ़ चुका है।” “ऑपरेशन सिंदूर” अब एक नाम भर नहीं, बल्कि आतंक के विरुद्ध भारत की वैश्विक घोषणा बन चुका है। पाकिस्तान में मचे हाहाकार और आतंकियों के ढेर होने से यह स्पष्ट है कि भारत अब आतंक के हर स्वरूप को जड़ से मिटाने को तैयार है। आने वाले दिनों में यह ऑपरेशन और भी आक्रामक और विस्तृत रूप ले सकता है, और आतंक के सुरक्षित ठिकानों में अब डर की दहशत कायम हो चुकी है।