
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब सीमावर्ती क्षेत्रों में साफ दिखाई देने लगा है। गुरुवार देर रात जम्मू और पंजाब के जालंधर क्षेत्र में रह-रहकर धमाकों की तेज आवाज़ें सुनाई दीं, जिससे स्थानीय लोगों में भारी दहशत फैल गई। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह आवाज़ें इतनी तेज थीं कि खिड़कियां और दरवाज़े तक हिल गए। हालांकि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ये धमाके किस वजह से हुए, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है।
चश्मदीदों ने बताया – “ऐसा लगा जैसे युद्ध शुरू हो गया हो”
गुरुवार रात लगभग 10 बजे के बाद जालंधर और जम्मू के कई इलाकों से लोगों ने जोरदार धमाकों की आवाज़ें सुनने की सूचना दी। सोशल मीडिया पर भी स्थानीय निवासियों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि “ऐसा महसूस हुआ जैसे बॉर्डर के पास कोई बड़ा हमला हो गया हो या मिसाइलें छोड़ी गई हों।” जम्मू के बिश्नाह, आरएस पुरा, और कठुआ से लेकर जालंधर के करतारपुर, मकसूदां, और फिल्लौर तक लोगों ने धमाके महसूस किए।एक स्थानीय निवासी हरप्रीत सिंह ने बताया, “हम सब अपने घर में थे कि अचानक जोरदार धमाका हुआ। पहले सोचा कोई ट्रक का टायर फटा होगा, लेकिन फिर एक के बाद एक तीन-चार धमाकों की आवाजें आईं। बच्चों और बुजुर्गों में डर का माहौल बन गया।”
प्रशासन और सेना सतर्क
घटनास्थलों के पास तुरंत पुलिस और सुरक्षाबलों की टीमों को भेजा गया। सेना और बीएसएफ के जवानों ने सीमावर्ती इलाकों में गश्त तेज कर दी है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, ये धमाके किसी रूटीन आर्टिलरी मूवमेंट या मिलिट्री अभ्यास का हिस्सा भी हो सकते हैं, लेकिन मौजूदा भारत-पाक तनाव के परिप्रेक्ष्य में हर गतिविधि को बेहद संजीदगी से लिया जा रहा है।पंजाब और जम्मू पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें, और किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें। पुलिस ने यह भी बताया कि फिलहाल कोई जनहानि या संपत्ति को नुकसान की खबर नहीं है।
सुरक्षा एजेंसियों का सतर्क रवैया
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-पाक सीमा पर चल रहे तनावपूर्ण हालात के बीच इस तरह के धमाके किसी भी सुरक्षा एजेंसी के लिए चिंता का विषय होते हैं। यही वजह है कि एनएसजी, बीएसएफ और सेना के उच्च अधिकारियों की बैठकें लगातार हो रही हैं, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पहले से रणनीति तैयार रखी जाए।
नागरिकों में डर का माहौल
धमाकों की खबरें फैलते ही जालंधर और जम्मू में कई जगह लोगों ने देर रात तक टीवी और मोबाइल के जरिए ताजा जानकारी लेने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर भी #JalandharBlasts, #JammuTension जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई माता-पिता ने अपने बच्चों को शुक्रवार को स्कूल नहीं भेजने का फैसला किया, जबकि कुछ जगहों पर स्थानीय संस्थानों में उपस्थिति कम रही। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव की पृष्ठभूमि में जालंधर और जम्मू जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में होने वाले धमाके न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती हैं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी असुरक्षा की भावना पैदा करते हैं। ऐसे हालात में ज़रूरत है संयम, सतर्कता और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की। सुरक्षा बल स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और सरकार का उद्देश्य है कि नागरिकों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता न किया जाए।