
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब पर्यटन क्षेत्रों पर साफ़ तौर पर दिखने लगा है। विशेष रूप से उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे चकराता, हरिद्वार और लैंसडाउन में इन दिनों सैलानियों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है। आमतौर पर गर्मी की छुट्टियों के इस मौसम में जहां इन जगहों पर पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है, वहीं इस बार यहां का नज़ारा पूरी तरह से बदला हुआ है — होटल खाली पड़े हैं, बाजारों में सन्नाटा है और टैक्सी स्टैंड पर ड्राइवर ग्राहकों की राह देख रहे हैं।
तनाव ने सैलानियों में पैदा की चिंता
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ी गतिविधियों और युद्ध जैसे हालातों की अटकलों के बीच आम नागरिकों में डर का माहौल बन गया है। इसी चिंता ने देश के भीतर यात्रा कर रहे पर्यटकों को भी प्रभावित किया है। खासकर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और यूपी से उत्तराखंड घूमने आने वाले लोग अपनी यात्राएं रद्द कर रहे हैं। होटल बुकिंग्स में भारी कैंसिलेशन दर्ज किए जा रहे हैं।
चकराता में वीरानी, होटल व्यवसायियों की चिंता बढ़ी
चकराता, जो कि अपनी खूबसूरत वादियों और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, वहां के होटल मालिकों और स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि इस बार सीजन में जितनी बुकिंग होनी चाहिए थी, उसका केवल 30% ही हुआ है। स्थानीय होटल संचालक सुरेश बिष्ट बताते हैं, “हर साल मई-जून में हमारा होटल पूरी तरह से फुल रहता है। लेकिन इस बार सन्नाटा पसरा हुआ है। बहुत से सैलानी बुकिंग कर चुके थे, लेकिन अब उन्होंने कैंसिल कर दी हैं।”
हरिद्वार और लैंसडाउन में भी असर
हरिद्वार, जहां धार्मिक पर्यटन अपने चरम पर होता है, वहां भी इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आई है। स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि आमतौर पर गंगा घाट पर सुबह से ही भीड़ लगी रहती है, लेकिन इस बार लोग डरे हुए हैं और घरों से बाहर निकलने में हिचकिचा रहे हैं। वहीं लैंसडाउन जैसे शांत पहाड़ी स्थल, जहां कपल्स और फैमिली घूमने आते हैं, वहां भी पर्यटकों का आना न के बराबर हो गया है।
टैक्सी ड्राइवर और टूर ऑपरेटर भी परेशान
टूरिज्म पर निर्भर स्थानीय टैक्सी ड्राइवर और गाइड भी इस स्थिति से परेशान हैं। देहरादून के रहने वाले एक टूर ऑपरेटर मनोज रावत कहते हैं, “हमारा सारा धंधा इसी सीजन पर निर्भर करता है। लेकिन भारत-पाक तनाव ने इस बार हमें आर्थिक रूप से झकझोर दिया है। अगर हालात जल्द सामान्य नहीं हुए, तो हमें भारी नुकसान होगा।”
प्रशासन की अपील: “पर्यटन स्थल सुरक्षित हैं”
उत्तराखंड पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि राज्य में सभी पर्यटन स्थल पूरी तरह से सुरक्षित हैं और यात्रा करने में कोई खतरा नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक किसी भी क्षेत्र में कोई आपात स्थिति नहीं है, और राज्य में शांति कायम है। बावजूद इसके, लोग अनिश्चितता और आशंका के चलते यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं।भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव ने देश के पर्यटन क्षेत्र पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड जैसे शांत और सुरक्षित राज्य में भी सैलानियों की कमी चिंता का विषय है। यदि हालात सामान्य नहीं हुए तो इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ सकता है।