
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर में सुरक्षा को लेकर अलर्ट की स्थिति बन गई है। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है और स्थानीय नागरिकों से अपील की गई है कि वे घरों में ही रहें और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। सीमा पर बढ़ी सैन्य गतिविधियों और आस-पास के क्षेत्रों में खुफिया गतिविधियों के इनपुट मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है।
सीमावर्ती गांवों में दहशत का माहौल
बाड़मेर, जो कि भारत-पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ इलाका है, वहां के गांवों में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से सेना की गतिविधियां तेज हो गई हैं, लगातार सुरक्षा बलों की पेट्रोलिंग हो रही है और कई स्थानों पर बंकर बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को देने के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूल-कॉलेज बंद, ट्रांसपोर्ट सेवा सीमित
रेड अलर्ट के चलते स्कूल-कॉलेजों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। स्थानीय बस सेवाएं और यातायात पर भी आंशिक रूप से रोक लगाई गई है ताकि लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण रखा जा सके। जिला प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की गई है।
सेना और प्रशासन हाई अलर्ट पर
सेना की यूनिट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमा पर तैनात सैनिकों को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। एयरफोर्स की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। बाड़मेर जिला कलेक्टर ने बताया कि “स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन हम किसी भी खतरे की संभावना को नजरअंदाज नहीं कर सकते, इसलिए सतर्कता जरूरी है।”
आमजन को दिए गए दिशा-निर्देश
प्रशासन द्वारा जारी एडवाइजरी में लोगों से अपने घरों में रहने, सरकारी सूचना का पालन करने, और सामाजिक मीडिया पर किसी भी अपुष्ट खबर को शेयर न करने की अपील की गई है। साथ ही, आपात स्थिति के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन टीमें भी तैयार रखी गई हैं। भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव ने राजस्थान के सीमावर्ती जिलों को सतर्क कर दिया है। बाड़मेर में जारी रेड अलर्ट से जहां सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से जुटी हैं, वहीं आम नागरिकों में भी दहशत और चिंता का माहौल है। ऐसे समय में प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करना और अफवाहों से दूर रहना ही सबसे बेहतर उपाय है।