
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, उत्तराखंड में सुरक्षा के नए रूप को लेकर कदम उठाए गए हैं। साइबर हमले की बढ़ती आशंका को देखते हुए राज्य में साइबर कमांडो को सक्रिय कर दिया गया है और राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने साइबर सुरक्षा को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। यह कदम सीमा पर सैन्य गतिविधियों के बढ़ने और डिजिटल दुनिया में हमलों के खतरे को देखते हुए उठाया गया है।
साइबर हमलों के बढ़ने की आशंका
पाकिस्तान की ओर से हो रहे लगातार साइबर हमलों के बाद, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय साइबर स्पेस को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए हैं। भारतीय सरकार ने पहले ही साइबर सुरक्षा को लेकर कई चेतावनियां जारी की थीं और यह भी कहा था कि पाकिस्तान की ओर से डिजिटल हमलों की संभावना लगातार बनी हुई है। विशेष रूप से भारत के महत्वपूर्ण सरकारी और रक्षा संस्थानों को निशाना बनाने की आशंका जताई जा रही है।
उत्तराखंड में साइबर कमांडो की तैनाती
उत्तराखंड राज्य, जो भारत-पाक सीमा से सटा हुआ है, को लेकर खासतौर पर सतर्क किया गया है। उत्तराखंड पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स ने राज्यभर में साइबर कमांडो की तैनाती शुरू कर दी है, जो साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। ये साइबर कमांडो संभावित साइबर हमलों से बचाव के लिए लगातार मॉनिटरिंग और सुरक्षा उपायों को लागू करेंगे। साइबर कमांडो की मुख्य जिम्मेदारी सरकारी वेबसाइट्स, बैंकों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा।
STF की एडवाइजरी
साइबर सुरक्षा को लेकर राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक चेतावनी जारी की है, जिसमें लोगों से अपील की गई है कि वे साइबर धोखाधड़ी, फिशिंग हमलों और साइबर आतंकवाद के प्रति सतर्क रहें। STF ने यह भी सलाह दी है कि लोग अपने ऑनलाइन लेन-देन और सुरक्षित पासवर्ड का ध्यान रखें और किसी भी संदिग्ध लिंक या अज्ञात मेल को न खोलें।
एसटीएफ के अधिकारी ने बताया कि “हम सभी नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे साइबर हमलों के प्रति सजग रहें। इस तरह के हमले अक्सर सरकारी या बैंकिंग साइट्स को निशाना बनाते हैं, इसलिए सतर्कता बेहद जरूरी है।”
साइबर सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
उत्तराखंड सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला लिया है। इसके तहत स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में साइबर सुरक्षा को लेकर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियां और साइबर कमांडो मिलकर सुरक्षित नेटवर्क सुनिश्चित करने के लिए लगातार जांच और निगरानी रखेंगी। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ गया है, और इस खतरे से निपटने के लिए उत्तराखंड राज्य में साइबर कमांडो की तैनाती एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अब पूरी तरह से साइबर हमलों से निपटने के लिए तैयार हैं और नागरिकों को भी इस खतरे के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इन सुरक्षा उपायों के जरिए उम्मीद की जा रही है कि राज्य में साइबर हमलों का खतरा कम होगा और डिजिटल सुरक्षा को बेहतर बनाया जाएगा।