
देहरादून। उत्तराखंड के चार प्रमुख तीर्थस्थलों, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा इस बार ऐतिहासिक रूप से सफल साबित हो रही है। 12 दिन में साढ़े पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने इन पवित्र स्थलों के दर्शन किए हैं, जबकि पंजीकरण का आंकड़ा 27 लाख को पार कर चुका है। चारधाम यात्रा के उद्घाटन के बाद से हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है, और इस बार भी यही देखने को मिला है।इस वर्ष यात्रा की शुरुआत से ही श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बेहतर व्यवस्था की है, जिसमें सड़क मार्गों की बेहतर स्थिति, सुविधाजनक पंजीकरण प्रणाली और यात्रा मार्गों पर हेल्प डेस्क जैसी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही, यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालु बिना किसी चिंता के यात्रा पूरी कर सकें।पंजीकरण प्रणाली को लेकर भी खास ध्यान दिया गया है। पहले से ही पंजीकरण कराने के कारण यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन करने का मौका मिल रहा है। राज्य सरकार ने इस बार यात्रा पंजीकरण को पूरी तरह डिजिटल किया है, जिससे अब श्रद्धालु घर बैठे अपनी यात्रा की योजना बना सकते हैं और यात्रा की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।श्रद्धालुओं के भारी संख्या में आने के कारण स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी यात्रा मार्गों पर सुरक्षा कड़े किए हैं। प्रमुख तीर्थ स्थलों पर लगातार हेलीकॉप्टर सेवा, सड़कों की मरम्मत और मेडिकल सुविधाओं को अपडेट किया गया है। साथ ही, यात्रा के दौरान आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर कंट्रोल रूम और सुरक्षा टीम को तैनात किया गया है।राज्य के पर्यटन मंत्री ने बताया, “चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है, और हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि पंजीकरण के आंकड़े ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित और सुविधाजनक हो, ताकि श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ अपनी यात्रा का आनंद ले सकें।”वहीं, यात्रा के दौरान हुए प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी कड़ी व्यवस्था की गई है। हर तीर्थ स्थल पर इलेक्ट्रिक वाहनों की व्यवस्था की गई है, ताकि पर्यावरण पर कोई बुरा असर न पड़े और श्रद्धालुओं की यात्रा भी आरामदायक रहे।इसके अतिरिक्त, इस साल कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन भी सख्ती से किया जा रहा है। यात्रा के दौरान सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।इस प्रकार, चारधाम यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा दे रही है। यह यात्रा उत्तराखंड के लिए एक बड़ा आर्थिक स्रोत भी बन चुकी है, जिससे राज्य के स्थानीय व्यवसाय और उद्योगों को भी फायदा हो रहा है।निष्कर्ष के तौर पर, इस साल की चारधाम यात्रा ऐतिहासिक रूप से सफलता की ओर बढ़ रही है। श्रद्धालु बढ़ रही संख्या के साथ यात्रा में शामिल हो रहे हैं, और राज्य सरकार की मेहनत और बेहतर व्यवस्था के चलते यात्रा की यह यात्रा और भी सुखद और सुरक्षित हो रही है।