
देहरादून, उत्तराखंड:
उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं की आवाज़ बन चुके बॉबी पंवार ने एक चौंकाने वाले फैसले में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने इस फैसले की औपचारिक घोषणा करते हुए इसके पीछे की वजहों को विस्तार से जनता और मीडिया के सामने रखा।बॉबी पंवार, जो पिछले कुछ वर्षों से बेरोजगार युवाओं के हक़ की लड़ाई का एक मुखर चेहरा बनकर उभरे थे, ने बताया कि उनका इस्तीफा किसी दबाव का परिणाम नहीं, बल्कि एक “आत्ममंथन” के बाद लिया गया निर्णय है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा से युवाओं की समस्याओं को मुख्यधारा में लाना और सरकार को जागरूक करना रहा है। अब उन्हें लगता है कि संघ को नए नेतृत्व की आवश्यकता है जो नई ऊर्जा और दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़े।
इस्तीफे की वजहें:
पत्रकार वार्ता के दौरान बॉबी पंवार ने कहा,
“मैंने यह पद सिर्फ एक कुर्सी के लिए नहीं, बल्कि आंदोलन की मशाल जलाने के लिए संभाला था। अब समय है कि मैं खुद को संगठनात्मक जिम्मेदारियों से अलग कर आंदोलन को एक नए स्वरूप में आगे ले जाऊं। मैं अब स्वतंत्र रूप से युवाओं की आवाज़ बनूंगा, बिना किसी संगठनात्मक बंधन के।”उन्होंने यह भी संकेत दिए कि कुछ अंदरूनी मतभेद और संगठन की दिशा को लेकर असहमति भी इस निर्णय का हिस्सा रही हैं। हालांकि उन्होंने किसी विशेष व्यक्ति या गुट का नाम नहीं लिया, लेकिन स्पष्ट किया कि संघ का कामकाज अब उनके सिद्धांतों से मेल नहीं खा रहा था।
आगे की रणनीति:
बॉबी पंवार ने स्पष्ट किया कि वह सामाजिक और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर काम जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि जल्द ही वह एक नई पहल की शुरुआत करेंगे, जिसका उद्देश्य युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देना, सरकारी नौकरी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आंदोलन को मजबूत करना होगा।“मैं पीछे नहीं हटा हूँ, मैं बस एक नई राह चुन रहा हूँ। आंदोलन रुकेगा नहीं, बल्कि और मजबूती से आगे बढ़ेगा,” – बॉबी पंवार ने अपने समर्थकों को आश्वस्त किया।
युवाओं में मायूसी, पर उम्मीद भी:
बॉबी पंवार के इस्तीफे से उत्तराखंड के हजारों बेरोजगार युवाओं में जहां एक ओर निराशा है, वहीं दूसरी ओर उम्मीद भी है कि वह एक नई भूमिका में फिर से उन्हें नेतृत्व देंगे। सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने ‘#WeSupportBobbyPanwar’ ट्रेंड कराकर उन्हें भावनात्मक समर्थन दिया। बॉबी पंवार का इस्तीफा उत्तराखंड के युवाओं के लिए एक बड़ा मोड़ है। बेरोजगारी, भर्ती घोटाले और पेपर लीक जैसी समस्याओं के बीच उनका यह फैसला आने वाले समय में युवाओं की राजनीति और आंदोलन की दिशा तय कर सकता है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बॉबी पंवार अपनी अगली पारी कैसे शुरू करते हैं और उनका यह “अलग रास्ता” बेरोजगार युवाओं के संघर्ष में क्या नया मोड़ लाता है।