चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट 18 मई को खोलने की तैयारी, डोली यात्रा शुरू

उत्तराखंड के चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट 18 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस साल की यात्रा की शुरुआत के साथ मंदिर में धार्मिक उत्सवों का सिलसिला शुरू हो चुका है। रुद्रनाथ मंदिर, जो अपनी दिव्य शांति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। रुद्रनाथ को चतुर्थ केदार कहा जाता है और यह भगवान शिव के प्रमुख धामों में से एक है।रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया मंगलवार, 16 मई को विधिपूर्वक शुरू की गई। इस मौके पर मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान किए गए। 18 मई को शुभ मुहूर्त में मंदिर के कपाट को खोला जाएगा, जिसके बाद श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही उत्सव डोली को भी मंदिर से बाहर निकाला गया, जो यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।

यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं

रुद्रनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गहरी घाटी और ऊंचे पहाड़ी रास्तों से गुजरना होता है। प्रशासन ने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। यात्रा मार्ग पर सड़क साफ़ करने, भूस्खलन से बचाव, और हेल्प डेस्क जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।इस बार रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा के साथ-साथ यहां विशेष पूजा समारोह और धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे भक्तों को ज्यादा श्रद्धा और आस्था से जुड़ने का अवसर मिलेगा। स्थानीय लोग भी इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उनका कहना है कि यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने का काम करती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी और कहा, “रुद्रनाथ मंदिर का कपाट खुलने से उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी। राज्य सरकार श्रद्धालुओं की यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हमारे पर्वतीय क्षेत्र के आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।”

रुद्रनाथ मंदिर के महत्व

रुद्रनाथ मंदिर को भगवान शिव के चतुर्थ केदार के रूप में पूजा जाता है, और इसे विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा तीर्थ स्थल के रूप में पूजा जाता है, जो भगवान शिव की आराधना में रुचि रखते हैं। रुद्रनाथ मंदिर की पवित्रता और वहां की अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता इसे हर वर्ष एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाती है। इस स्थान तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को पैदल यात्रा करनी पड़ती है, जो एक चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यधिक पूजनीय अनुभव है।रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्राकृतिक सौंदर्य और शांति की अनुभूति भी प्रदान करती है, जिसे श्रद्धालु जीवनभर याद रखते हैं। रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही एक बार फिर धार्मिक यात्रा की शुरुआत हो रही है। यह यात्रा न केवल उत्तराखंड के श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि देशभर से आने वाले भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। प्रशासन की पूरी तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था के बीच, यात्रा एक सफल और सुरक्षित अनुभव बनेगी। अगले कुछ हफ्तों में मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है।

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