
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मंत्री विजय शाह को उनकी विवादित टिप्पणियों के लिए कड़ी फटकार लगाई है, जो उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दी थीं। कोर्ट ने कहा कि एक मंत्री होने के नाते ऐसी भाषा का उपयोग करना निंदनीय है और इससे न्यायपालिका तथा देश की गरिमा को ठेस पहुँचती है। इस मामले में कर्नल सोफिया कुरैशी ने विजय शाह के बयान को अपमानजनक और अनुचित बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी।कोर्ट ने विजय शाह को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक पद पर रहते हुए उन्हें अपनी जिम्मेदारी और पद की गरिमा को समझते हुए बोलना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाने या टिप्पणी करने से पहले तथ्यों की पूरी जांच होनी चाहिए और सार्वजनिक मंच पर अनुचित भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए।यह विवाद तब शुरू हुआ जब विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के चरित्र और पेशेवर कामकाज पर विवादित टिप्पणी की थी, जो व्यापक चर्चा का विषय बनी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि ऐसे बयान समाज में गलत संदेश पहुंचा सकते हैं और व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा सकते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को आगाह किया कि वे अपने पद और जिम्मेदारियों का सम्मान करें और भविष्य में ऐसी भाषा और टिप्पणी से बचें। न्यायालय ने यह भी कहा कि किसी भी नागरिक के अधिकारों का सम्मान करना सभी का कर्तव्य है, खासकर जब वह कोई जनप्रतिनिधि हो।यह मामला न केवल एक विवादित बयान का है बल्कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी और व्यवहार पर भी सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस फटकार से स्पष्ट संदेश गया है कि न्यायपालिका किसी भी तरह के अनुचित व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी, चाहे वह किसी भी स्तर का व्यक्ति हो।इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में राजनीतिक और सार्वजनिक हस्तियों के बयानों में संयम और शिष्टाचार बरता जाएगा, जिससे समाज में सम्मान और संवेदनशीलता बनी रहे।