
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को पहली बार श्रीनगर पहुंचे। यह दौरा न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इससे सुरक्षा बलों का मनोबल भी कई गुना बढ़ा है। रक्षा मंत्री के आगमन के साथ ही श्रीनगर में सुरक्षा व्यवस्था और अधिक चाक-चौबंद कर दी गई थी। सेना और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी।राजनाथ सिंह ने श्रीनगर स्थित सैन्य छावनी में तैनात जवानों से मुलाकात की और उनके अदम्य साहस तथा देशभक्ति की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता इस बात का प्रतीक है कि भारत अपने सीमावर्ती और आतंकी गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तरह सतर्क और सक्षम है। उन्होंने कहा कि जवानों की कुर्बानियां और समर्पण ही भारत की असली ताकत हैं, और सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।इस दौरे के दौरान रक्षा मंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और सीमावर्ती इलाकों में बेहतर सुविधाएं और आधुनिक तकनीक मुहैया कराना उनकी सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने कश्मीर घाटी में शांति बहाली के लिए प्रयासरत सुरक्षाबलों की पीठ थपथपाई और कहा कि जिन जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लिया, उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।रक्षा मंत्री ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास स्थित फॉरवर्ड पोस्ट का भी दौरा किया और वहां मौजूद अफसरों से जमीनी हालात की जानकारी ली। उन्होंने सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा को लेकर भी अधिकारियों के साथ रणनीतिक चर्चा की और यह विश्वास दिलाया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाता रहेगा।श्रीनगर दौरे में राजनाथ सिंह के साथ उच्चस्तरीय सैन्य और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे। दौरे का उद्देश्य सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ ऑपरेशन सिंदूर के बाद की रणनीतियों को लेकर ज़मीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करना भी रहा।यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं और सरकार की ओर से यह स्पष्ट संदेश है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।