सावधान! नकली आधार कार्ड से हो सकता है बड़ा फर्जीवाड़ा, किराएदार या कर्मचारी का ऐसे करें असली-नकली का खुलासा

आज के डिजिटल युग में आधार कार्ड देश के सबसे महत्वपूर्ण पहचान पत्रों में से एक बन चुका है। सरकारी योजनाओं से लेकर सिम कार्ड खरीदने और बैंक खाता खुलवाने तक, आधार की जरूरत हर जगह होती है। लेकिन इसी महत्वपूर्ण दस्तावेज का गलत इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है। खासकर किराएदारों, घरेलू सहायकों, निजी कर्मचारियों और अन्य अस्थायी रूप से काम पर रखे जाने वाले लोगों द्वारा नकली आधार कार्ड का इस्तेमाल एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।हाल के दिनों में कई मामलों में देखा गया है कि अपराधी नकली आधार कार्ड बनवाकर किसी भी शहर में किराये पर घर ले लेते हैं या नौकरी हासिल कर लेते हैं। जब तक असली पहचान सामने आती है, तब तक वे कोई आपराधिक गतिविधि कर फरार हो जाते हैं। ऐसे में मकान मालिकों, संस्थानों और आम नागरिकों के लिए यह जानना बेहद जरूरी हो गया है कि जो आधार कार्ड उन्हें दिखाया जा रहा है वह असली है या नकली।

कैसे करें आधार कार्ड की सत्यता की जांच?

UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) की आधिकारिक वेबसाइट https://myaadhaar.uidai.gov.in पर जाकर किसी भी आधार नंबर की वैधता को सत्यापित किया जा सकता है। इसके लिए “Verify Aadhaar Number” विकल्प पर क्लिक करना होगा। वहां आधार नंबर दर्ज करने के बाद, यदि वह नंबर असली होगा तो स्क्रीन पर व्यक्ति का नाम, उम्र और जेंडर दिखाई देगा। अगर नंबर गलत या नकली हुआ, तो वेबसाइट साफ तौर पर “Invalid Aadhaar” बता देगी।

QR कोड से भी करें जांच

हर आधार कार्ड पर एक QR कोड होता है। आप UIDAI के मोबाइल ऐप या किसी QR कोड स्कैनर के माध्यम से उस QR कोड को स्कैन कर सकते हैं। यदि कार्ड असली है तो उसमें नाम, जन्मतिथि और फोटो जैसे विवरण सामने आ जाएंगे।

पुलिस वेरिफिकेशन है जरूरी

किराए पर मकान देने या किसी को निजी कर्मचारी के रूप में नियुक्त करने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन कराना बेहद जरूरी है। यह न सिर्फ कानूनी रूप से सुरक्षित तरीका है, बल्कि आपके और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए भी अहम है।

नकली आधार कार्ड का इस्तेमाल अपराध है

भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट के तहत नकली दस्तावेज बनवाना या इस्तेमाल करना गंभीर अपराध है। यदि कोई व्यक्ति फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है जिसमें जुर्माना और जेल दोनों शामिल हैं।इसलिए सतर्क रहिए, और किसी भी दस्तावेज पर आंख बंद कर विश्वास न करें। तकनीक का उपयोग करें और हर आधार की जांच करें। एक छोटी सी सतर्कता आपको बड़े धोखे से बचा सकती है।

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