
उत्तराखंड की क्वीन ऑफ हिल्स कहे जाने वाली मसूरी इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। आमतौर पर गर्मियों के सीजन में पर्यटकों से गुलजार रहने वाले इस हिल स्टेशन पर अब सन्नाटा पसरा हुआ है। घाटी में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं और संवेदनशील माहौल के चलते भले ही अब सीजफायर हो चुका हो, लेकिन पर्यटक लौटने का नाम नहीं ले रहे।
मसूरी के होटल व्यवसायियों की मानें तो जून महीने की बुकिंग लगभग पूरी तरह से रद्द हो चुकी हैं। देशभर से आने वाले पर्यटकों ने अपने ट्रिप या तो कैंसिल कर दिए हैं या फिर दूसरे पर्यटन स्थलों की ओर रुख कर लिया है। इस स्थिति के चलते होटल इंडस्ट्री को अब तक करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है।
एक होटल मालिक ने बताया कि “मई-जून का समय हमारे लिए सबसे अहम होता है। इसी सीजन में सालभर की कमाई का बड़ा हिस्सा आता है, लेकिन इस बार हालात इतने खराब हैं कि स्टाफ को सैलरी देना भी मुश्किल हो गया है।”
ट्रैवल एजेंसियों और लोकल टैक्सी यूनियनों ने भी बताया कि हालात पहले जैसे नहीं हैं। ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी मसूरी की खोज और ट्रैवल पैकेज में भारी गिरावट देखी जा रही है।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मसूरी में पूरी तरह से शांति है और सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं। बावजूद इसके, पर्यटकों का भरोसा दोबारा जीतना आसान नहीं होगा।
अगर जल्द ही हालात नहीं सुधरे और राज्य पर्यटन विभाग ने ठोस प्रचार और छवि सुधार का काम नहीं किया, तो मसूरी की पर्यटन अर्थव्यवस्था को उबरने में लंबा समय लग सकता है।