
योग, भारत की प्राचीन धरोहर और वैश्विक चेतना का प्रतीक, हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस वर्ष भारत सरकार और उत्तराखंड राज्य ने इस ऐतिहासिक आयोजन को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का फैसला किया है। वर्ष 2025 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम उत्तराखंड के पहाड़ी नगर गैरसैंण में आयोजित किया जाएगा, जो राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी है।
यह पहला मौका होगा जब गैरसैंण जैसे प्राकृतिक और शांत स्थल पर इतना भव्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर भारत सरकार ने 10 देशों के राजदूतों और विशेष अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। इसका उद्देश्य योग को एक वैश्विक एकता और शांति का माध्यम बनाना है।
प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम: गैरसैंण
गैरसैंण, हिमालय की गोद में बसा एक शांत, सुंदर और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। योग के लिए यह स्थल न केवल उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि प्रकृति के समीप रहकर शरीर, मन और आत्मा का संतुलन कैसे साधा जा सकता है। यही कारण है कि इस बार का आयोजन पर्यावरण-संवेदी और सतत विकास को समर्पित रहेगा।
राजनयिकों की उपस्थिति से मिलेगा वैश्विक आयाम
भारत में स्थित अमेरिका, फ्रांस, जापान, रूस, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, जर्मनी, यूएई, नेपाल और भूटान जैसे देशों के राजदूतों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इन देशों में योग को लेकर बढ़ती रुचि और भारत की सांस्कृतिक कूटनीति के विस्तार को ध्यान में रखते हुए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विशेष कार्यक्रम और प्रस्तुतियाँ
कार्यक्रम में योगाचार्यों द्वारा विविध योग आसनों का प्रदर्शन, ध्यान सत्र, आयुर्वेद पर व्याख्यान, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी। इसके साथ ही योग और वैश्विक शांति पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें विद्वान और प्रतिनिधि अपने विचार साझा करेंगे।
सरकार और प्रशासन की तैयारियाँ पूरी
उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार दोनों मिलकर इस आयोजन को भव्यता और सुरक्षा के साथ सफल बनाने में जुटी हैं। गैरसैंण में उच्च स्तरीय मंच, अंतरराष्ट्रीय अतिथियों के लिए विशेष आवास व्यवस्था, हेल्थ सेंटर, सुरक्षा बलों की तैनाती और मीडिया कवरेज जैसी तमाम तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 का आयोजन इस बार केवल एक योग कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक गौरव, आध्यात्मिक शक्ति और वैश्विक नेतृत्व क्षमता का परिचायक बनने जा रहा है। गैरसैंण जैसे प्राकृतिक स्थल को इस आयोजन का केंद्र बनाकर भारत ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है — जो प्रकृति, आत्मा और विश्व को जोड़ता है।
📿 योग से जुड़ें, जीवन को जागरूक बनाएं।