
पंचकूला में सोमवार रात एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। एक कार में देहरादून निवासी परिवार के सात सदस्यों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। मृतकों में पति-पत्नी, उनके तीन मासूम बच्चे, और परिवार के बुजुर्ग सदस्य शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, सभी ने जहर खाकर आत्महत्या की। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
💔 घटना का विवरण
घटना सोमवार रात लगभग 11 बजे सामने आई, जब डायल 112 पर सूचना मिली कि सेक्टर-26, पंचकूला के मकान नंबर 1204 के बाहर खड़ी एक कार में कुछ लोगों की अस्वाभाविक स्थिति में मौत हो चुकी है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार में मौजूद छह लोगों को तुरंत सेक्टर-26 के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जबकि एक अन्य व्यक्ति, जो तड़पता हुआ गाड़ी से बाहर निकला था, को सेक्टर-6 स्थित नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, सभी की मौत हो चुकी थी।
🕯️ मृतकों की पहचान
पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में दो मृतकों की पहचान प्रवीन मित्तल और उनके पिता देशराज मित्तल के रूप में हुई है। बाकी शव भी उसी परिवार के अन्य सदस्यों के बताए जा रहे हैं, जिनमें प्रवीन की पत्नी, उनके तीन बच्चे और एक बुजुर्ग महिला शामिल हैं।
🏠 देहरादून से था परिवार का नाता
यह परिवार मूल रूप से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के कौलागढ़ क्षेत्र का रहने वाला था। पड़ोस में रहने वाली राजकुमारी नौटियाल ने बताया कि परिवार पहले तीन साल तक कौलागढ़ में किराए पर रहा और बाद में नींबूवाला में किराए पर शिफ्ट हो गया। उन्होंने यह भी बताया कि यह परिवार एक एनजीओ भी चलाता था और समाजसेवा से जुड़ा हुआ था।
💸 आर्थिक तंगी बना आत्महत्या का कारण
पुलिस सूत्रों की मानें तो आत्महत्या की वजह गंभीर आर्थिक तंगी और कर्ज का दबाव था। प्रवीन मित्तल ने कुछ समय पहले देहरादून में टूर एंड ट्रैवल का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन कारोबार असफल रहा और उन्हें भारी आर्थिक घाटा झेलना पड़ा। यही वजह थी कि धीरे-धीरे परिवार पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि जीवन यापन करना भी मुश्किल हो गया। इस मानसिक दबाव ने अंततः परिवार को यह खौफनाक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
👮♀️ पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही डीसीपी हिमाद्रि कौशिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है, ताकि आत्महत्या के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
🕊️ इलाके में मातम का माहौल
इस घटना के बाद पंचकूला और देहरादून दोनों ही शहरों में गहरा शोक व्याप्त है। लोगों को इस बात का दुख है कि एक शिक्षित, सभ्य और समाजसेवा में लगा परिवार आखिर ऐसा कदम उठाने को क्यों मजबूर हुआ। पड़ोसियों, जानकारों और आम नागरिकों के चेहरों पर सिर्फ एक ही सवाल है – क्या कोई रास्ता नहीं बचा था? यह त्रासदी एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक सहयोग और सामाजिक संवाद कितना आवश्यक है। अगर सही समय पर मदद और सहारा मिले, तो शायद कई जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।