
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी रविवार सुबह एक नई ऊर्जा और जोश से भर गई, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित ‘अहिल्या स्मृति मैराथन’ को न केवल हरी झंडी दिखाई, बल्कि स्वयं भी युवाओं के साथ दौड़ लगाकर इस आयोजन को खास बना दिया। यह आयोजन नारी शक्ति, सामाजिक एकता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को समर्पित था, जिसमें हजारों की संख्या में युवा, महिलाएं, छात्र और नागरिक भागीदार बने।
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा, “अहिल्या माता हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा की प्रेरणास्रोत हैं। यह मैराथन सिर्फ एक दौड़ नहीं, बल्कि यह महिला सम्मान, स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक एकजुटता का प्रतीक है। जब युवा इस प्रकार के आयोजनों में भाग लेते हैं, तो यह आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और सशक्त भविष्य की ओर ले जाने का संकेत होता है।”
कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही उत्साह का माहौल था। शहर के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिभागियों ने रंग-बिरंगे परिधानों और बैनरों के साथ मार्च पास्ट किया। सीएम धामी ने खुद स्पोर्ट्स ड्रेस पहनकर युवाओं के साथ प्रतीकात्मक रूप से कुछ दूरी की दौड़ में हिस्सा लिया, जिससे प्रतिभागियों का जोश दोगुना हो गया।
फिटनेस के साथ महिला सशक्तिकरण का संदेश
इस मैराथन के माध्यम से केवल स्वास्थ्य और फिटनेस को ही बढ़ावा नहीं दिया गया, बल्कि समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया गया — महिलाओं के योगदान और उनकी स्मृति को सम्मानित करने का। ‘अहिल्या स्मृति’ नाम ही इस कार्यक्रम की सोच को दर्शाता है कि कैसे हमारी संस्कृति में महिलाओं की भूमिका को आदर के साथ याद रखा जाना चाहिए।
युवाओं में जोश और उत्साह, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सीएम धामी के दौड़ लगाने के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। लोगों ने उन्हें एक “Youth Icon CM” बताया और कहा कि उन्होंने सचमुच युवाओं को प्रेरित करने का काम किया है। कई प्रतिभागियों ने कहा कि मुख्यमंत्री का साथ दौड़ना हमारे लिए गर्व और प्रोत्साहन की बात है।
आयोजन का उद्देश्य और प्रभाव
इस आयोजन का उद्देश्य था:
- महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना
- फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति युवाओं को जागरूक करना
- सांस्कृतिक विरासत को पुनः स्मरण में लाना
- समाज में एकता और सौहार्द का संदेश देना
कार्यक्रम में राज्य के कई गणमान्य व्यक्ति, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षण संस्थानों के प्रमुख और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने पूर्ण सहयोग दिया।