
ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बैकुंठनाथ षडंगी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके बाद राज्य के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ एक साथ बड़ी छापेमारी की जा रही है। बैकुंठनाथ षडंगी, जो कि दो दिन बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे, के खिलाफ सतर्कता विभाग ने अनुगुल, भुवनेश्वर, पुरी, कटक और ढेंकानाल में संयुक्त रूप से छापे मारे हैं। इस छापेमारी के दौरान उनके विभिन्न ठिकानों से भारी मात्रा में नकदी जब्त की गई है।
सतर्कता विभाग की विजिलेंस टीम ने मुख्य अभियंता के अनुगुल स्थित आवास से लगभग 90 लाख रुपये और भुवनेश्वर स्थित उनके फ्लैट से 1.10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं, जिससे कुल लगभग 2 करोड़ रुपये की रकम मिली है। यह कार्रवाई विशेष न्यायाधीश, सतर्कता, अनुगुल द्वारा जारी तलाशी वारंट के तहत की जा रही है। इस छापेमारी में 8 डीएसपी, 12 इंस्पेक्टर, 6 एएसआई और अन्य सहायक कर्मचारी शामिल हैं जो विभिन्न स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं।
इस अभियान के तहत छापेमारी निम्नलिखित स्थानों पर की जा रही है: करदगडिया, अनुगुल में उनके दो मंजिला आवासीय घर, डुमडुमा, भुवनेश्वर में पीडीएन एक्सोंस के फ्लैट नंबर सी-102, सियुला, पिपिली, पुरी जिले में उनका फ्लैट, अनुगुल जिले के सिष्यकपड़ा में उनके रिश्तेदार के घर, लोकीपासी गांव में उनका पैतृक घर और मटियासाही, अनुगुल में दो मंजिला पैतृक भवन। इसके अलावा भुवनेश्वर में ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय कक्ष में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
बैकुंठनाथ षडंगी के खिलाफ यह छापेमारी उनके अचानक आय में हुई भारी वृद्धि और संपत्ति के स्रोतों की जांच के लिए की गई है। सतर्कता विभाग की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार के सख्त रुख को दर्शाती है। इस मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई के लिए विभाग जल्द ही बयान जारी करेगा।
इस घटना ने राज्य के प्रशासनिक तंत्र में व्यापक हलचल मचा दी है, खासकर क्योंकि आरोपी अधिकारी सेवानिवृत्ति के बेहद करीब थे। अब देखना होगा कि इस मामले में जांच कितनी गहराई से होती है और किन अन्य बड़े खुलासों तक पहुंचती है।