
ऋषिकेश/हरिद्वार:
अंकिता भंडारी हत्याकांड में जहां अब तक मुख्य आरोपी के रूप में पुलकित आर्य का नाम सामने आता रहा है, वहीं अब इस पूरे मामले में उसके निजी सहायक अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित की भूमिका भी गंभीर सवालों के घेरे में आ गई है। जांच में सामने आया है कि अंकिता पर ‘अतिरिक्त सेवा’ देने का पहला दबाव पुलकित नहीं, बल्कि उसके सबसे नज़दीकी साथी और सहायक अंकित गुप्ता ने डाला था। यही नहीं, वह रिजॉर्ट में होने वाली अधिकांश गतिविधियों में पुलकित की ओर से जिम्मेदारी निभाता था।
अंकिता पर पहला दबाव बना था अंकित गुप्ता ने
28 अगस्त 2022 को अंकिता भंडारी ने जब वनंत्रा रिजॉर्ट में नौकरी शुरू की थी, तब से ही उसे विशेष व्यवहार दिया गया। जहाँ अन्य कर्मचारी सामान्य हाल या खराब कमरों में रहते थे, वहीं अंकिता को रिसेप्शन के पास एक अच्छा, वातानुकूलित कमरा दिया गया। शुरुआत में सब कुछ सामान्य लगा, लेकिन कुछ ही दिनों में माहौल बदलने लगा।अंकित गुप्ता, जो कि पुलकित आर्य का निजी सहायक और बेहद करीबी दोस्त था, ने ही सबसे पहले अंकिता पर ग्राहकों को “मसाज” जैसी ‘अतिरिक्त सेवाएं’ देने का दबाव बनाना शुरू किया। वह बार-बार पुलकित आर्य का हवाला देकर अंकिता को समझाने की कोशिश करता रहा कि ऐसा करना उसकी नौकरी का हिस्सा है। जब अंकिता ने स्पष्ट रूप से मना किया, तब खुद पुलकित आर्य ने उससे सीधे बात की और दबाव बनाया।
VIP के नाम पर मानसिक दबाव
अंकित गुप्ता ने अंकिता को बताया कि जल्द ही एक बड़ा वीआईपी रिजॉर्ट में आने वाला है, और उसे उस मेहमान को “विशेष सेवा” देनी होगी। यह बात अंकिता ने अपने दोस्त पुष्पदीप को भी बताई थी और यही बातचीत इस केस की सबसे अहम कड़ी बन गई। अंकिता की मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि उसने पुष्पदीप को चैट में लिखा कि “यह बहुत गंदा होटल है, मुझे यहां काम नहीं करना है।”एक पूर्व कर्मचारी, जो बिजनौर का रहने वाला है, ने पुष्पदीप को बताया कि पुलकित आर्य और अंकित गुप्ता ने मिलकर अंकिता के साथ मारपीट तक की थी। यह जानकारी पुष्पदीप को व्हाट्सएप चैट के माध्यम से दी गई थी।
अंकित: केवल सहायक नहीं, पूरी साजिश का जानकार
जांच में सामने आया है कि पुलकित आर्य अधिकतर कर्मचारियों से सीधे संवाद नहीं करता था, बल्कि वह सारे आदेश अंकित गुप्ता के माध्यम से देता था। रिजॉर्ट में आने-जाने वाले ग्राहकों, वीआईपी मेहमानों और अंदरूनी गतिविधियों की ज़िम्मेदारी लगभग पूरी तरह अंकित पर थी।रिज़ॉर्ट के पीछे बनी फैक्ट्री के बेसमेंट में स्थित पुलकित आर्य का निजी कमरा सिर्फ अंकित गुप्ता की पहुंच में था। पुलकित शायद ही किसी और को वहां आने देता था। स्टाफ के मुताबिक, अंकित ही उसका दाहिना हाथ था और पुलकित उसी पर पूरी तरह भरोसा करता था।कई कर्मचारियों का कहना है कि अंकित ने पुलकित के कहने पर उन्हें धमकाया भी था। उसकी भूमिका सिर्फ सहायक की नहीं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति की थी जो पूरी अंदरूनी व्यवस्था और साजिशों का हिस्सा था। अंकिता को मसाज और ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने का प्रस्ताव देकर दबाव बनाना इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है। अंकिता की मौत केवल एक युवक की हैवानियत नहीं थी, बल्कि उसके पीछे एक संगठित, सड़ी-गली मानसिकता और वीआईपी संस्कृति का गठजोड़ था। पुलकित आर्य और उसके सबसे विश्वस्त सहयोगी अंकित गुप्ता, दोनों ने मिलकर एक मासूम लड़की को मानसिक रूप से इतना तोड़ा कि अंत में उसकी हत्या कर दी गई। आज भी यह सवाल कायम है — क्या सिर्फ यही दो लोग शामिल थे या कोई बड़ा चेहरा अब भी पर्दे के पीछे है?