
कोटा के महावीर नगर निवासी रजित गुप्ता ने देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड 2025 में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर पूरे शहर का नाम रोशन कर दिया है। 332 अंक लेकर रजित ने इस साल की परीक्षा में सबसे उच्च स्थान हासिल किया है और इस उपलब्धि के साथ वे पहली बार कोटा के स्थानीय छात्र बने हैं जिन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। रजित गुप्ता ने सफलता का अपना फॉर्मूला साझा करते हुए बताया कि उन्होंने हमेशा “गलतियों से सीखने और खुशी के साथ पढ़ाई करने” पर जोर दिया, जो उनकी सफलता की सबसे बड़ी कुंजी साबित हुई।
रजित का सफलता मंत्र – खुश रहो, सही तरीके से पढ़ो
अमर उजाला के साथ बातचीत में रजित ने कहा, “मैं तब पढ़ता था जब मेरा मन करता था, लेकिन पढ़ाई करता तो पूरी लगन से करता था। मैं स्ट्रिक्ट शेड्यूल से बचता था क्योंकि उससे अनावश्यक दबाव बनता है। मेरा फोकस हमेशा इस बात पर रहता था कि मैं अपनी गलतियों को दोहराऊं नहीं। जब तक मैं किसी टॉपिक को पूरी तरह समझ नहीं लेता था, तब तक आगे नहीं बढ़ता था।” रजित की यह सोच और पढ़ाई की यह पद्धति उन्हें परीक्षा में अव्वल लाने वाली साबित हुई। उन्होंने यह भी बताया कि वे हमेशा खुश रहते हैं और खाली समय में कॉलोनी के बच्चों के साथ खेलते हैं ताकि मानसिक तनाव कम रहे और पढ़ाई में उत्साह बना रहे।
परिवार और शिक्षा का सहयोग
रजित का परिवार शिक्षा और अनुशासन को लेकर काफी संवेदनशील और प्रेरणादायक रहा है। उनके पिता दीपक गुप्ता बीएसएनएल में उपमंडल अभियंता हैं और मां डॉ. श्रुति अग्रवाल जेडीबी कॉलेज में होम साइंस की प्रोफेसर हैं। रजित के पिता खुद भी इंजीनियरिंग क्षेत्र से जुड़े हैं और उन्होंने बताया कि वे एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. बृजेश माहेश्वरी के छात्र रहे हैं। उन्होंने बताया कि उस समय आईआईटी का इतना क्रेज नहीं था, लेकिन राजस्थान में इंजीनियरिंग की शिक्षा को लेकर बहुत सम्मान था। परिवार में शिक्षा का माहौल और अनुशासन रजित की सफलता में अहम भूमिका निभा रहा है।
शैक्षणिक प्रदर्शन और यात्रा
रजित गुप्ता का शैक्षणिक सफर प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 10वीं कक्षा में 96.8% अंक प्राप्त कर अपनी पढ़ाई की मजबूत नींव रखी। इसके बाद जेईई मेन 2025 के जनवरी सत्र में 100 परसेंटाइल स्कोर किया और अप्रैल सत्र में ऑल इंडिया रैंक 16 हासिल की। इसके बाद उन्होंने जेईई एडवांस्ड 2025 में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर इतिहास रच दिया। वे कोटा स्थित एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के नियमित छात्र रहे हैं और यहां से अपनी पढ़ाई पूरी लगन से की।
रजित ने बताया, “मेरी सबसे बड़ी ताकत यह थी कि मैं अपनी गलतियों को दोहराता नहीं था। मैं हर टॉपिक को पूरी तरह समझने के बाद आगे बढ़ता था। यही मेरी सफलता का मूल मंत्र रहा।” उनकी यह स्पष्ट सोच और पढ़ाई की रणनीति उन्हें देश की सबसे कठिन इंजीनियरिंग परीक्षा में शीर्ष स्थान दिलाने में कारगर साबित हुई।
देश के लिए नए सपनों के साथ आगे
अब रजित गुप्ता की सफलता न केवल उनके लिए बल्कि पूरे कोटा और उत्तर भारत के छात्रों के लिए एक नई प्रेरणा बन चुकी है। उन्होंने बताया कि वे IIT में दाखिला लेकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं और देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं। रजित की यह सफलता साबित करती है कि सही दिशा, धैर्य और आत्मविश्वास के साथ कोई भी छात्र कठिन से कठिन परीक्षा में भी उत्कृष्ट परिणाम हासिल कर सकता है।